Maharashtra 2024: लोकसभा चुनाव से पहले और बाद में कई बार पीएम बनने का प्रस्ताव मिला?, नितिन गडकरी ने कहा- राजनीति का मतलब केवल सत्ता की...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 27, 2024 17:46 IST2024-09-27T17:45:45+5:302024-09-27T17:46:35+5:30
Maharashtra Assembly Elections 2024: राजनीति का अर्थ है ‘समाजकरण (समाज सेवा), राष्ट्रकरण (राष्ट्र निर्माण) और विकासकरण (विकास)’। लेकिन अब राजनीति की परिभाषा बदलकर ‘सत्ताकरण (सत्ता की राजनीति)’ ही रह गई है।

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Maharashtra Assembly Elections 2024: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि राजनीति वास्तव में समाज सेवा, राष्ट्र निर्माण और विकास का पर्याय है, लेकिन वर्तमान समय में इसका मतलब केवल सत्ता की राजनीति है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता गडकरी यहां राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े के अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे। गडकरी ने कहा कि उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले और बाद में कई बार प्रधानमंत्री बनने का प्रस्ताव मिल चुका है। उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति में विचारों में मतभेद की समस्या नहीं, बल्कि विचारों की कमी की समस्या है। राजनीति का अर्थ है ‘समाजकरण (समाज सेवा), राष्ट्रकरण (राष्ट्र निर्माण) और विकासकरण (विकास)’। लेकिन अब राजनीति की परिभाषा बदलकर ‘सत्ताकरण (सत्ता की राजनीति)’ ही रह गई है।’’
गडकरी ने कहा, ‘‘पहले, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यकर्ता के रूप में काम करते समय, हमें कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। कोई पहचान और सम्मान नहीं था। हरिभाऊ बागड़े ने लोगों के कल्याण के लिए समर्पण के साथ काम किया...मैंने पार्टी कार्यकर्ता के रूप में 20 वर्ष तक विदर्भ की यात्रा की और काम किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोग हमारी रैलियों पर पत्थर फेंकते थे। आपातकाल के बाद जिस ऑटोरिक्शा का इस्तेमाल मैं घोषणाएं करने के लिए करता था, लोगों ने उसे जला दिया था।’’ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा, ‘‘अब हजारों लोग मुझे सुनने आते हैं। लेकिन यह लोकप्रियता मेरी नहीं है, यह हरिभाऊ बागड़े जैसे कार्यकर्ताओं की बदौलत है, जिन्होंने कड़ी मेहनत की और अपना जीवन खतरे में डाला।’’
गडकरी ने कहा कि पार्टी का एक अच्छा कार्यकर्ता वही होता है, जो पार्टी में कुछ न मिलने पर भी अच्छा व्यवहार करता है। उन्होंने कहा कि जिन्हें कुछ मिलता है, वे स्वाभाविक रूप से अच्छा व्यवहार करते हैं। यह बयान उस समय दिया जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपनी उस टिप्पणी के बारे में विस्तार से बता सकते हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि एक विपक्षी पार्टी के नेता ने प्रधानमंत्री पद संभालने पर समर्थन की पेशकश की थी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस तरह का प्रस्ताव कई बार मिला है, लोकसभा चुनाव से पहले और बाद में भी।’’
क्या गडकरी को जून में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद प्रधानमंत्री बनने का प्रस्ताव मिला था, इस सवाल को टालते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह मीडिया कर्मियों पर छोड़ रहे हैं कि इसका मतलब निकालते रहें। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करूंगा। प्रस्ताव स्वीकार करने का सवाल ही नहीं था। और प्रधानमंत्री बनना मेरा लक्ष्य नहीं है....।’’