महाराष्ट्र में सरकार गठन की कवायद लगातार जारी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सामने कांग्रेस अपने पूरे पत्ते नहीं खोल रही है। यही कारण है कि प्रदेश में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस सरकार नहीं बन पा रही है। इस बीच कांग्रेस-एनसीपी के नेता दोनों दलों के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को अंतिम रूप देने के लिए एक-दो दिनों में दिल्ली में बैठक करेंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस-एनसीपी के नेता दोनों दलों के साझा न्यूनतम कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए एक-दो दिनों में दिल्ली में बैठक करने वाले हैं। शिवसेना के साथ अंतिम फैसला लेने के लिए दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व एकसाथ बैठेगा, जिसके बाद सरकार बनाने के फैसला लिया जा सकता है।
बीते दिन एनसीपी के प्रमुख शरद पवार कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले, जिसमें दोनों नेताओं के बीच राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की गई। इस दौरान पवार ने सोनिया को साझा न्यूनतम कार्यक्रम को लेकर भी जानकारी दी।
बताया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में सरकार गठन की पूरी तरह तस्वीर साफ हो सकती है। सोनिया और पवार की मुलाकात से पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और राज्य कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ चर्चा की थी। उधर, शिवसेना ने दावा किया कि कि तीनों पार्टियां साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर सहमत हो गई हैं और जल्द सरकार बन जाएगी।
आपको बता दें कि 288 सीटों सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 24 अक्टूबर घोषित हुआ था, जिसमें 105 सीटें जीतते हुए बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। राज्य के चुनाव में शिवसेना को 56 सीटें मिलीं। इसके अलावा राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं। प्रदेश की 288 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिये 145 विधायकों का समर्थन जरूरी है। मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच जमकर खींचतान हुई और दोनों पार्टियों में तालमेल नहीं बन सका।