बीजेपी-शिवसेना में नहीं बनी बात, देवेंद्र फड़नवीस ने सीएम पद से इस्तीफा दिया, कहा- 'सरकार न बनाना जनादेश का अपमान'
By विनीत कुमार | Published: November 8, 2019 04:35 PM2019-11-08T16:35:39+5:302019-11-08T16:51:54+5:30
महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में बीजेपी को 105 सीटें, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने इस्तीफा दे दिया है। फड़नवीस ने शुक्रवार दोपहर बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। फड़नवीस ने राज्यपाल से मिलने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने इस्तीफा देने की घोषणा की। फड़नवीस ने कहा, 'मैंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया और उन्होंने भी इसे स्वीकार कर लिया है।'
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को आये थे लेकिन किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल सका। हालांकि, बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन ने जरूर बहुमत हासिल किया है। शिवसेना की हालांकि सीएम पद की मांग ने बीजेपी की मुश्किल बढ़ा दी।
फड़नवीस ने अपने इस्तीफे के बाद पत्रकारों से प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'पिछले पांच साल में हमने हर चुनौती का सामना बहादुरी से किया मुंबई जैसे महानगर में पिछले 5 साल में इन्फ्रास्ट्रक्चर, रेलवे, एयरपोर्ट, मेट्रो आदि पर हमने काफी काम किया।'
फड़नवीस ने साथ ही कहा, 'लोगों ने हमारे काम की वजह से हम पर भरोसा किया और दोबारा सेवा का मौका दिया। इस बार हमारी सीटें थोड़ी कम रह गईं।'
ढाई साल सीएम पर कभी बात नहीं हुई
देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि उन्होंने शिवसेना के ढाई-ढाई साल सरकार चलाने की शर्त के बारे में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से पूछा। फड़नवीस के अनुसार अमित शाह ने भी यही कहा कि शिवसेना से कभी कोई ऐसी बात नहीं हुई। फड़नवीस ने कहा कि गठबंधन के बहुमत के बावजूद सरकार नहीं बनाना जनादेश का अपमान है।
महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में बीजेपी को 105 सीटें, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं। बीजेपी और शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और ऐसे में इस गठबंधन के पास पूर्ण बहुमत है। हालांकि, शिवसेना ने बीजेपी के सामने सरकार बनाने को लेकर 50-50 का फॉर्मूला सामने रखा है, जिसके बाद पेंच फंसा गया है।
शिवसेना की मांग है दोनों पार्टियों को ढाई-ढाई साल सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए। शिवसेना कहती रही है कि 50-50 की बात पहले से तय थी। ऐसे में शिवसेना की ओर से मुख्यमंत्री पद की मांग बीजेपी के लिए सबसे बड़ी उलझन बन गई है।