Mahakumbh 2025 Live: 43 दिन और 63.1 करोड़?, श्रद्धालुओं का सैलाब, महाशिवरात्रि से पहले उमड़े, देखें वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: February 24, 2025 10:06 IST2025-02-24T10:05:58+5:302025-02-24T10:06:47+5:30
Mahakumbh 2025 Live: 13 जनवरी से प्रारंभ हुए महाकुंभ में अभी तक 62.06 करोड़ लोगों ने स्नान कर लिया है।

file photo
Mahakumbh 2025 Live: आस्था के सबसे बड़े समागम प्रयागराज महाकुंभ में देश के कोने कोने से श्रद्धालुओं का आगमन रविवार को 1.32 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के गंगा और संगम में स्नान के साथ डुबकी लगाने वालों की संख्या 62 करोड़ को पार कर गई। सोमवार को अभी तक 60 लाख लोग स्ननान कर चुके हैं और महाशिवरात्रि से पहले और भीड़ बढ़ने की उम्मीद है। मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, रविवार को शाम आठ बजे तक 1.32 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई तथा 13 जनवरी से प्रारंभ हुए महाकुंभ में अभी तक 63.1 करोड़ लोगों ने स्नान कर लिया है। सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया कि अनुमान के मुताबिक दुनिया में कुल 120 करोड़ सनातनी हैं।
#WATCH | Uttar Pradesh: Devotees continue to arrive at Triveni Sangam in Prayagraj to be a part of #MahaKumbh2025. The Mela will go on till 26th February.
— ANI (@ANI) February 24, 2025
Drone visuals from the area. pic.twitter.com/Tce63TI2Rp
पवित्र त्रिवेणी संगम में करोड़ों श्रद्धालु भक्ति भाव से आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। महाकुम्भ-2025 प्रयागराज 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत-समृद्ध भारत' का संदेश हर हृदय तक पहुंचा रहा है।#MahaKumbh2025https://t.co/9ftR5Ohdi7— Mahakumbh (@MahaKumbh_2025) February 24, 2025
इस लिहाज से महाकुंभ में दुनिया के आधे से अधिक सनातनी गंगा और त्रिवेणी संगम में स्नान कर चुके हैं। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व तक यह संख्या 65 करोड़ से भी ऊपर पहुंच सकती है। महाकुंभ में 73 देशों के राजनयिक और भूटान नरेश नामग्याल वांगचुक समेत तमाम देशों के अतिथि यहां अमृत स्नान करने पहुंचे।
महाकुम्भ 2025, प्रयागराज का यह अद्भुत समागम संपूर्ण विश्व को एकता का संदेश दे रहा है और सनातन धर्म के प्रति गहरी आस्था का प्रतीक बनकर उभर रहा है।#MahaKumbh2025https://t.co/GuKQQOtNcS
— Mahakumbh (@MahaKumbh_2025) February 24, 2025
यही नहीं, नेपाल से 50 लाख से अधिक लोग अब तक त्रिवेणी के पवित्र जल में स्नान कर चुके हैं। अब तक डुबकी लगाने वालों की कुल संख्या का विश्लेषण करें तो सर्वाधिक करीब 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया।
एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। इसके अलावा बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में स्नान किया। वहीं माघी पूर्णिमा के महत्वपूर्ण स्नान पर्व पर भी दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया।
महाशिवरात्रि पर दस लाख पर्यटकों के स्वागत के लिए नेपाल तैयार
महाशिवरात्रि के अवसर पर नेपाल और भारत से बुधवार को करीब दस लाख श्रद्धालुओं के यहां पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन करने आने की उम्मीद है। मंदिर का प्रबंधन करने वाले पशुपति क्षेत्र विकास ट्रस्ट के अधिकारियों ने बताया कि करीब 4,000 साधु और हजारों की संख्या में श्रद्धालु बागमती नदी के तट पर स्थित पांचवीं शताब्दी के इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए काठमांडू पहुंच रहे हैं।
महाशिवरात्रि को भगवान शिव के जन्म के दिन के रूप में जाना जाता है। पशुपति ट्रस्ट की प्रवक्ता रेवती अधिकारी ने बताया कि इस भव्य अवसर के लिए तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि इस दिन श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए कुल 10,000 सुरक्षाकर्मी और 5,000 स्वयंसेवक तैनात किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि पशुपतिनाथ मंदिर महाशिवरात्रि को तड़के दो बज कर 15 मिनट पर खुलेगा और श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के चारों द्वारों से शिवलिंग के दर्शन की व्यवस्था की गई है। इस बीच, काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय ने महाशिवरात्रि के दौरान मंदिर के आसपास शराब, मांस और मछली के उत्पादन, बिक्री, उपभोग और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नोटिस जारी किया है।
नोटिस के अनुसार, पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में और उसके आसपास सोमवार से बृहस्पतिवार तक शराब, मांस और मछली पर प्रतिबंध रहेगा। नियम का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को दंडित किया जाएगा। हिमालय को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है और नेपाल में शैवों की एक बड़ी संख्या है, जिनके मुख्य देवता भगवान शिव हैं।