बीजेपी शासित राज्य में गणतंत्र दिवस पर फहराया गया 'पाकिस्तानी झंडा', 3 गिरफ्तार और 6 फरार
By पल्लवी कुमारी | Updated: January 29, 2018 07:57 IST2018-01-28T16:08:47+5:302018-01-29T07:57:23+5:30
मध्यप्रदेश के शुजालपुर कस्बे में गणतंत्र दिवस के मौके पर अल्पसंख्यक समुदाय की रैली एक शख्स ने पाकिस्तान के जैसा झंडा लहराया था।

बीजेपी शासित राज्य में गणतंत्र दिवस पर फहराया गया 'पाकिस्तानी झंडा', 3 गिरफ्तार और 6 फरार
बीजेपी शासित मध्य प्रदेश में गणतंत्र दिवस पर पाकिस्तानी झंडा फरहाने का विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। मध्य प्रदेश पुलिस ने इस मामले में कथित तौर पर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने तीन लोगों के अलावा छह लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। फिलहाल तीन लोग फरार बताए जा रहे हैं।
घटना शुजालपुर कस्बे की है। जहां गणतंत्र दिवस के मौके पर अल्पसंख्यक समुदाय की रैली में लाल रंग की बाइक पर सफेद कपड़ों में बैठे एक शख्स ने पाकिस्तान के जैसा झंडा लहराया था। प्रिवेंशन इनसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट 1971 के तहत पुलिस ने छह लोगों को पाबंद किया गया है।
भाजपा युवा मोर्चा के शाजापुर जिलाध्यक्ष सुनील देथल का कहना है कि पाकिस्तान का झंडा फहराने वाले लोग ऊर्दू में नारे लगा रहे थे, जो उन्हें समझ में नहीं आ रहा था, दो आपत्तिजनक झंडे थे, जिसमें से एक हुबहू पाकिस्तानी झंडे जैसा था। अगर हम ज्यादा संख्या में होते तो उन्हें पकड़ लेते। हमने रैली में शामिल सभी लोगों को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट में बुक करने की मांग किए मगर पुलिस ने केवल छह लोगों पर केस दर्ज किया।
यह है पूरा मामला
गणतंत्र दिवस की सुबह 11.30 बजे तिरंगा यात्रा निकाली जा रही थी। तभी कुछ युवक के हाथों में चांद-सितारे बने काले झंडे देख, लोगों ने उन्हें रोका और झंडे हटाने को कहा, लेकिन वह मानें नहीं। वहीं पर कुछ गुस्साए लोगों ने पाकिस्तानी झंडा लेकर चल रहे युवकों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। इसके बाद शाजापुर क्षेत्र में मंडी चौकी प्रभारी एसआई मोनिका एबरियो ने बगैर कोई कार्रवाई किए उन लोगों को छोड़ दिया।
पुलिस का ऐसा रैवाया देखकर लोग गुस्सा गए। रायकनपुरा निवासी देवकरण परमार के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने इसे राष्ट्रध्वज का अपमान बताते हुए पुलिस से कार्रवाई की मांग की। देवकरण परमार का आरोप है तिरंगा यात्रा के दौरान तिरंगे को जमीन पर भी गिरा दिया गया था। इस संबंध में कुछ संगठनों ने ज्ञापन भी सौंपकर पुलिस प्रशासन से कार्रवाई की मांग की थी। ज्ञापन में बताया गया कि युवकों के हाथों में जो झंडे थे, वह पाकिस्तान का पूर्व झंडा है।