रतलाम में भाजपा कार्यकर्ताओं में गुटबाजी और खेमेबंदी फिर हुई उजागर, चुनाव दूर पर उम्मीदवारी के लिए रण अभी से तेज

By राजेश मूणत | Published: November 1, 2022 08:44 AM2022-11-01T08:44:53+5:302022-11-01T08:48:19+5:30

रतलाम में भाजपा द्वारा आयोजित दीप मिलन समारोह से एक बार फिर पार्टी में खेमेबंदी की बात उजागर हो गई है। नगर विधायक चेतन्य काश्यप से जुड़े लोग इस आयोजन और जमावड़े से दूरी बनाकर रखते नजर आए।

Madhya Pradesh Ratlam, factionalism among BJP workers exposed again in deep milan samaroh | रतलाम में भाजपा कार्यकर्ताओं में गुटबाजी और खेमेबंदी फिर हुई उजागर, चुनाव दूर पर उम्मीदवारी के लिए रण अभी से तेज

रतलाम में भाजपा कार्यकर्ताओं में गुटबाजी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

रतलाम: रतलाम नगरीय क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं के पिछले सोमवार शाम आयोजित दीप मिलन समारोह ने एक बार फिर स्थानीय स्तर पर पार्टी में खेमेबंदी और खींचतान को उजागर कर दिया है। इस समारोह के सोशल मीडिया पर जारी आमंत्रण पत्र में वैसे तो यह कहा गया था की यह व्यक्तिगत नेतृत्व के बजाए पार्टी ध्वज के नेतृत्व में आयोजित होगा लेकिन इसके विपरीत यह आयोजन गुटीय द्वंद के कारण जबरदस्त चर्चाओं में आ गया है।

सूत्र बताते है की पार्टी का स्थानीय संगठन और नगर विधायक चेतन्य काश्यप से जुड़े लोग जहां इस आयोजन और जमावड़े से दूरी बनाकर इसे विफल बनाने में लगे थे। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी के समर्थक इस आयोजन की सफलता के लिए जमकर पसीना बहाते नजर आए।

बताया जाता है की कोठारी और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने तो इस आयोजन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई लेकिन पार्टी संगठन और निकाय के पार्षदों के साथ विधायक काश्यप ने इस आयोजन से दूरी रखी।

सूत्रों के अनुसार स्थानीय भाजपा स्पष्ट रूप से दो हिस्सो में बंटी हुई नजर आ रही है। हालांकि, मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अभी बहुत समय है लेकिन उम्मीदवारी के लिए पार्टी में भीतर रण अभी से तेज हो गया है। 

बहरहाल, इस स्थिति पर चिंता जताते हुए भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना था कि यह स्थिति आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को भारी नुकसान पहुंचा सकती है। नाम नही छापने की शर्त पर जवाब देते हुए उन्होंने संपन्न निकाय निर्वाचन में पार्टी की पतली हुई स्थिति का भी जिक्र किया। और घटते जनसमर्थन को लेकर चिंता जताई। 

राजनैतिक विश्लेषक बताते है की रतलाम भाजपा का अभेद्य दुर्ग माना जाता है। यहीं नहीं इसका असर आसपास की कई विधानसभा सीटों तक रहता है। जानकार मानते हैं कि भाजपा का यह दुर्ग अगर सुरक्षित नहीं रहेगा तो पार्टी का प्रदेश में सत्ता में वापसी का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकेगा।

Web Title: Madhya Pradesh Ratlam, factionalism among BJP workers exposed again in deep milan samaroh

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