Madhya Pradesh: चलती ट्रेन में गूंजी किलकारी, कंबल देने पर रेलवे कर्मचारी भोपाल के डॉक्टर पर हुए नाराज

By आकाश सेन | Updated: December 30, 2023 19:57 IST2023-12-30T19:54:26+5:302023-12-30T19:57:38+5:30

भोपाल: एक महिला की ट्रेन में डिलीवरी कराने वाले भोपाल के डॉक्टर रेलवे के रवैये से परेशान हैं। उनका कहना है कि मुसीबत में महिला की मदद करने पर रेलवे कर्मचारी नाराज हो गए। उन्हें महिला की जान से ज्यादा चिंता कंबल की थी।

Madhya Pradesh: Noise echoed in the moving train, Railway employees got angry at Bhopal doctor for giving blanket | Madhya Pradesh: चलती ट्रेन में गूंजी किलकारी, कंबल देने पर रेलवे कर्मचारी भोपाल के डॉक्टर पर हुए नाराज

Madhya Pradesh: चलती ट्रेन में गूंजी किलकारी, कंबल देने पर रेलवे कर्मचारी भोपाल के डॉक्टर पर हुए नाराज

Highlightsचलती ट्रेन में गूंजी किलकारी।रेलवे ने नहीं भेजी मदद तो भोपाल के डॉ ने कराई डिलेवरी।महिला को कंबल देने पर रेलवे कर्मचारी भोपाल के डॉक्टर पर हुए नाराजरेलवे के कर्मचारियों के रवैये से यात्रियों में दिखी हैरानी ।

भोपाल: मुंबई हावड़ा मेल में में सफर करते समय एक महिला को अचानक प्रसव पीड़ा हुई। जिसके बाद मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के डॉक्टर ने चलती ट्रेन में महिला की डिलीवरी कराने में मदद की। महिला और नवजात दोनों ही स्वस्थ्य है। हैरानी की बात यह है कि इस दौरान रेलवे से कोई मदद नहीं मिली। जिससे डॉक्टर और यात्री परेशान हो गए।


मुंबई हावड़ा मेल से महिला यात्री निकहत परवीन पति इम्तियाज अंसारी निवासी झारखंड एसी-3 कोच के डी-5 में यात्रा कर रही थी। महिला गर्भवती थी। कटनी के आसपास उसे प्रसव पीड़ा होने लगी। जिससे ट्रेन में महिला के साथ सफर कर रहे यात्रियों ने रेलवे के अधिकारियों को सूचना दी। लेकिन रेलवे की तरफ से अगले स्टेशन मैहर पर मदद की बात कही गई । महिला की बिगड़ी स्थिती को देख डॉ शैलेश लुनावत ने मोर्चा संभाला और यात्रियों की मदद से बिना संसाधनों के ही महिला की डिलेवरी कराई।


इसी के साथ ही डॉ लुनावत ने महिला और बच्चे की जान बचाने की पर खुशी तो जाहिर की लेकिन रेलवे के अधिकारियों का रवैया पर नाराज और हैरान करने वाला रहा। उन्होंने कहा रेलवे स्टाफ ने इस मामले में हमें बिल्कुल भी सपोर्ट नहीं किया। ऊपर से टिकट चेकिंग स्टाफ सिर्फ इस बात पर हम पर नाराज हो गया कि आपने महिला के साथ हमारा कंबल चादर दे दिया। 


जानकारी के अनुसार  प्रसूता और उसका पति मुंबई में काम करता है। जहां पर डॉक्टर ने 7 जनवरी को डिलेवरी का समय दिया था। इसी के चलते वह अपनी पत्नी को लेकर अपने घर झारखंड जा रहा था। मुंबई मेल से अभी आधा सफर तय किया था तभी अचानक दर्द शुरू हो गया। फिलहाल दोनों सुरक्षित हैं। महिला और बच्चे को मैहर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

ऐसे में सवाल ये है कि पहले तो रेलवे प्रशासन समय पर मदद नहीं पहुंचा पाए और जब दो जिंदगियां बच गई तो ।खुश होने की जगह मददगारों से ही सवाल जवाब कर लिए । ये कैसा प्रशासन जिसके लिए मानव जीवन से ज्यादा कंबल और चादर जरुरी है। 

Web Title: Madhya Pradesh: Noise echoed in the moving train, Railway employees got angry at Bhopal doctor for giving blanket

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