Madhya Pradesh: MP सरकार ने फिर लिया ₹3000 करोड़ का कर्ज: 23 जनवरी को लिया था 2500 करोड़ रुपए, 15 दिन में 5500 करोड़ का ऋण
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 8, 2024 12:22 AM2024-02-08T00:22:17+5:302024-02-08T00:24:30+5:30
भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से बाजार से लगातार कर्ज ले रही है। राज्य सरकार रिजर्व बैंक के मुंबई कार्यालय के माध्यम से अपनी गवर्मेंट सिक्युरिटीज का विक्रय कर दो हिस्सों में कुल तीन हजार करोड़ रुपयों का कर्ज बाजार से उठाएगी। इसमें 1500 करोड़ रुपये का पहला कर्ज 16 वर्ष और 1500 करोड़ रुपये का दूसरा ऋण 17 साल में चुकाया जाएगा। दोनों ही कर्ज पर साल में दो कूपन रेट पर ब्याज का भुगतान भी किया जाएगा।
भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार ने 15 दिन के अंतराल में 5500 करोड़ का कर्ज लिया है। 23 जनवरी को 2500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया था। वहीं, 7 फरवरी को 3 हजार करोड़ रुपए का कर्ज बाजार से लिया गया। यह 1500-1500 करोड़ के रूप में 16 और 17 वर्षों की अवधि के लिए है।
31 मार्च से पहले 8000 करोड़ रुपए कर्ज लेने की तैयारी
वित्त वर्ष की समाप्ति के पहले सरकार 31 मार्च तक अभी बाजार से आठ हजार करोड़ तक का कर्ज उठाने की तैयारी में है। इसके पहले आरबीआई की गाइडलाइन के आधार पर मंगलवार 6 फरवरी को बिडिंग के जरिए 1500-1500 करोड़ रुपए के दो अलग-अलग कर्ज लेने की प्रक्रिया पूरी कराई गई, जिसका भुगतान 7 फरवरी बुधवार को हुआ।
एक कर्ज में भुगतान की समय अवधि 7 फरवरी 2040 और दूसरे में 7 फरवरी 2041 रखी गई है। इसके पहले जनवरी में ही 24 जनवरी को 2500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया था जिसे 24 फरवरी 2040 तक चुकाना होगा।
चुनाव परिणाम के पहले लिया था 2 हजार करोड़ का लोन
इसके पहले मोहन सरकार बनने के बाद पहला कर्ज 27 दिसंबर 2023 को 2 हजार करोड़ रुपए का लिया गया था। शिवराज सरकार के दौरान चुनाव परिणाम घोषित होने के पहले भी 28 नवंबर को दो हजार करोड़ का कर्ज सरकार को लेना पड़ा था।
विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के चुनावी मुद्दा बनाए जाने के चलते राज्य सरकार ने नवंबर महीने में शुरुआत में कर्ज नहीं लिया था लेकिन काउंटिंग की तारीख 3 दिसंबर के पांच दिन पहले कर्ज लेना ही पड़ा था।
आचार संहिता लागू होने के बाद लिया था 3 बार कर्ज
मध्यप्रदेश में 9 अक्टूबर को चुनावी आचार संहिता लागू हुई थी। इसके बाद तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अक्टूबर महीने में ही तीन बार में 4 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। इसके पहले सितंबर महीने में राज्य सरकार ने घोषणाओं के क्रियान्वयन समेत कर्मचारियों और अन्य वर्गों को दी जाने वाली सेवाओं के लिए 4500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था।