मध्य प्रदेश: विधायक की सदस्यता रद्द किए जाने पर तेज हुई जुबानी जंग, बीजेपी ने कहा- सरकार के दबाव में लिया फैसला
By राजेंद्र पाराशर | Updated: November 4, 2019 05:52 IST2019-11-04T05:52:29+5:302019-11-04T05:52:29+5:30
भाजपा ने फैसले को गलत बताते हुए कहा है कि वह इसके विरोध में अदालत जाएगी. मध्य प्रदेश में झाबुआ उपचुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद अब राज्य के पवई विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता समाप्त किए जाने के मामले ने भाजपा को संकट में डाल दिया है.

मध्य प्रदेश: विधायक की सदस्यता रद्द किए जाने पर तेज हुई जुबानी जंग, बीजेपी ने कहा- सरकार के दबाव में लिया फैसला
मध्य प्रदेश विधानसभा में भाजपा के विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता समाप्त किए जाने के फैसले को लेकर राजनीति गर्मा गई है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. कांग्रेस ने जहां अदालत के फैसले का स्वागत किया है, वहीं भाजपा इसका विरोध करते हुए आरोप लगा रही है कि सरकार के दबाव में विधानसभा अध्यक्ष ने यह फैसला लिया है.
भाजपा ने फैसले को गलत बताते हुए कहा है कि वह इसके विरोध में अदालत जाएगी. मध्य प्रदेश में झाबुआ उपचुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद अब राज्य के पवई विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता समाप्त किए जाने के मामले ने भाजपा को संकट में डाल दिया है.
राजधानी भोपाल की विशेष अदालत ने भाजपा विधायक लोधी को 2 साल की सजा सुनाई जिसे लेकर शनिवार की शाम को विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने विधायक की सदस्यता समाप्त कर पवई विधानसभा क्षेत्र को रिक्त घोषित कर दिया. इस मामले की विधानसभा की ओर से चुनाव आयोग को भी सूचना भेजी गई है. विधानसभा की इस कार्रवाई के बाद कांग्रेस खेमे में जहां उत्साह नजर आया, वहीं भाजपा की चिंता बढ़ गई. भाजपा ने इस मामले को लेकर विरोध तेज कर दिया.
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति के इस फैसले को गलत बताया और विरोध करते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने यह कार्रवाई एकतरफा की है. पवई विधायक को अभी उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष विधायकों के संरक्षक होते हैं और यह फैसला जो उन्होंने लिया है, वह एक संरक्षक का फैसला नहीं है. उन्होंने कहा कि हम इस फैसले के विरोध में अदालत की शरण लेंगे.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि विधायक प्रहलाद लोधी के साथ पूरा विधायक दल खड़ा है. इस फैसले के विरुद्ध जो भी विधि सम्मत होगा हम लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष ने यह फैसला बिना विचार किए सरकार के दबाव में आकर लिया है. विधानसभा अध्यक्ष द्वारा की गई यह कार्रवाई कमलनाथ सरकार के डर को दर्शाती है. वहीं पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इस फैसले का विरोध करते हुए अदालत की शरण लेने की बात कही है.
इंतजार कीजिए 2-3 सीटें और आएंगी
भाजपा के विरोध के बीच आज मुख्यमंत्री कमलनाथ का बड़ा बयान है. उन्होंने कहा कि अभी दो-तीन सीटें और आएंगी. पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल के 15 साल में भाजपा विधायकों और नेताओं के कारनामें सामने आ रहे हैं, अभी और भी ऐसे कारनामे सामने आएंगे. उन्होंने कहा कि यह मामला अभी सामने आया है, इसी तरह के मामले हर सप्ताह और हर महीने सामने आएंगे, इंतजार कीजिए अभी दो-तीन सीटें और आएंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस हमेशा ही बहुमत में थी, भाजपा लोगों को गुमराह कर रही थी. हमने विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष चुनाव में यह साबित कर दिया था.
झाबुआ के बाद पवई में भी दिखेगा परिणाम
राज्य के जनसंपर्क मंत्री पी.सी.शर्मा ने कहा झाबुआ उपचुनाव में जिस तरह से कांग्रेस ने भाजपा को करारी शिकस्त दी थी, उसी तरह का परिणाम अब पवई में दिखाई देगा. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बयानों को लेकर कहा कि भाजपा ने अपने 15 साल के कार्यकाल में जो बड़े-बड़े अपराध किए है, वे अपराध अब सामने आ रहे हैं. शर्मा ने कहा कि झाबुआ में कांग्रेस बिना प्रलोभन दिए जीती है. अब पवई में भी यही परिणाम सामने आएगा.