Madhya Pradesh High Court: यदि फेल हो गए तो दोबारा मौका नहीं, 20000 छात्रों को मुख्य परीक्षा देने की अनुमति, आखिर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने ऐसा क्यों कहा...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 19, 2024 12:31 PM2024-03-19T12:31:30+5:302024-03-19T12:32:23+5:30
Madhya Pradesh High Court: छात्रों ने परीक्षाओं में बैठने की अनुमति का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी और न्यायमूर्ति ए के पालीवाल की खंडपीठ ने यह राहत दी।
Madhya Pradesh High Court: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने ‘अनुपयुक्त’ नर्सिंग महाविद्यालयों के लगभग 20,000 छात्रों को मुख्य परीक्षाएं देने की अनुमति दे दी, लेकिन साथ ही कहा कि यह विशेषाधिकार एक बार के लिए दिया गया है और अनुत्तीर्ण होने पर उन्हें आगे लाभ नहीं मिलेगा। इससे पहले, अदालत ने ऐसे नर्सिंग महाविद्यालयों के छात्रों को परीक्षाएं देने से रोक दिया था, जो मध्य प्रदेश में बुनियादी सुविधाओं या डिस्पेंसरी के बिना संचालित किए जा रहे थे। कुछ छात्रों ने परीक्षाओं में बैठने की अनुमति का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी और न्यायमूर्ति ए के पालीवाल की खंडपीठ ने यह राहत दी।
पीठ ने कहा, ‘‘अनुपयुक्त महाविद्यालयों के छात्रों को भी परीक्षा में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन यह व्यवस्था और लाभ एक बार के लिए है और यदि वे परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करते हैं, तो उन्हें कोई और लाभ नहीं दिया जाएगा।’’ ‘लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष और वकील विशाल बघेल ने बताया कि 11 मार्च को पारित इस आदेश से लगभग 20,000 छात्र लाभान्वित होंगे।