कोविड मृतकों के आंकड़े छिपाने के लिए आलोचना का सामना करती रही मध्य प्रदेश सरकार

By भाषा | Updated: December 21, 2021 12:09 IST2021-12-21T12:09:43+5:302021-12-21T12:09:43+5:30

Madhya Pradesh government continues to face criticism for hiding figures of Kovid dead | कोविड मृतकों के आंकड़े छिपाने के लिए आलोचना का सामना करती रही मध्य प्रदेश सरकार

कोविड मृतकों के आंकड़े छिपाने के लिए आलोचना का सामना करती रही मध्य प्रदेश सरकार

भोपाल, 21 दिसंबर इस वर्ष मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा नीत सरकार को कोरोना वायरस से मरने वालों के आंकड़े कथित तौर पर छिपाने के लिए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की आलोचना का सामना करना पड़ा।

हालांकि, भाजपा ने इस दौरान राज्य में आयोजित उपचुनावों में शानदार प्रदर्शन किया।

कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर कोरोना वायरस से मरने वालों के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया और दावा किया कि प्रदेश में इस साल मार्च-अप्रैल में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 1,02,002 है।

भाजपा की शिकायत पर भोपाल पुलिस ने विधानसभा में विपक्ष के नेता कमलनाथ के खिलाफ विवादास्पद ‘इंडियन वैरिएंट’ कोरोना वायरस टिप्पणी के लिए यहां अपराध शाखा थाने में प्राथमिकी भी दर्ज की।

भाजपा ने आरोप लगाया था कि कमलनाथ, दुनिया में जो बी 1.617 वैरिएंट कोरोना फैला हुआ है, उसे इंडियन वैरिएंट कोरोना बोलकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं और देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम कर रहे हैं।

वहीं, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने दावा किया कि इस महामारी के दौरान राज्य में दो लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है, जबकि स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार सोमवार तक प्रदेश में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या केवल 10,530 है।

मिश्रा ने अपनी बात साबित करने के लिए राज्य के विभिन्न श्मशान घाटों के आंकड़ों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने राज्य में बड़ी संख्या में मौतों को उजागर किया लेकिन भाजपा सरकार असली आंकड़ों को छिपाती रही।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में अब तक 82 प्रतिशत से अधिक पात्र लोगों को कोविड-19 रोधी टीके की दोनों खुराकें दी जा चुकी हैं, जबकि 94 प्रतिशत पात्र व्यक्तियों को टीके का पहली खुराक लगाई जा चुकी हैं।

चौहान ने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिये जन-प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों, संकट प्रबंधन समूहों के सदस्यों, जन-अभियान परिषद के कार्यकर्ताओं सहित स्वास्थ्य विभाग के अमले के प्रति आभार व्यक्त किया।

मध्य प्रदेश में चार सीटों पर 30 अक्टूबर को हुए उपचुनाव में भाजपा ने खंडवा लोकसभा एवं दो विधानसभा सीटें जोबट एवं पृथ्वीपुर जीती, जबकि कांग्रेस को एक विधानसभा सीट रैगांव मिली है।

इस जीत के साथ सत्तारूढ़ भाजपा ने अपनी खंडवा लोकसभा सीट बरकरार रखी, जबकि जोबट (एसटी) एवं पृथ्वीपुर विधानसभा सीटें, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस से छीनी। वहीं, कांग्रेस ने रैगांव (एससी) विधानसभा सीट पर भाजपा को मात दी। इस प्रकार भाजपा एवं कांग्रेस दोनों ही दल अपनी-अपनी विधानसभा सीटें बरकरार रखने में कामयाब नहीं हुई।

साल खत्म होने से पहले कुछ बुरी खबरें भी आई जब तमिलनाडु में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में राज्य के रहने वाले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह और लांस नायक जितेंद्र कुमार की मौत हो गई।

मृतकों में मूल रूप से शहडोल जिले की रहने वाली मधुलिका रावत एवं देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की पत्नी भी शामिल थीं, जिनकी दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।

नवंबर में, भोपाल के एक सरकारी अस्पताल की विशेष नवजात देखभाल इकाई में आग लगने से चार शिशुओं की मौत हो गई, जिसके बाद सरकार को इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश देने पड़े।

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Web Title: Madhya Pradesh government continues to face criticism for hiding figures of Kovid dead

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