मध्य प्रदेश फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में फर्जीवाड़े की आशंका?, 112 पदों पर चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया रोकी, जानें
By मुकेश मिश्रा | Updated: June 14, 2025 14:39 IST2025-06-14T14:38:40+5:302025-06-14T14:39:28+5:30
वनरक्षक और क्षेत्र रक्षक (कार्यपालिक) पदों के लिए 2022 में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी, जिसमें 1670 पदों के लिए लगभग एक लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।

सांकेतिक फोटो
इंदौर: मध्य प्रदेश में सरकारी भर्तियों में गड़बड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हाल ही में पुलिस आरक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े की जांच चल ही रही थी कि अब वनरक्षक भर्ती परीक्षा 2023 भी संदेह के घेरे में आ गई है। कर्मचारी चयन मंडल ने 112 पदों पर चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया रोक दी है और इनकी गहन जांच शुरू कर दी गई है। वनरक्षक और क्षेत्र रक्षक (कार्यपालिक) पदों के लिए 2022 में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी, जिसमें 1670 पदों के लिए लगभग एक लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
ऑनलाइन परीक्षा मई-जून 2023 में आयोजित हुई और दिसंबर 2024 में अंतिम परिणाम घोषित किए गए। इनमें से 1340 अभ्यर्थियों के नाम वन विभाग को भेजे गए, जिनमें से 1173 ने नियुक्ति ले ली। 167 अभ्यर्थियों ने ज्वाइन नहीं किया, इसलिए उनका वेरिफिकेशन नहीं हो सका। अब जिन 112 चयनित अभ्यर्थियों के नाम रोके गए हैं, उनके दस्तावेज, आवेदन और उत्तरपुस्तिकाओं की जांच एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा की जा रही है। कर्मचारी चयन मंडल को संदेह है कि कहीं इन चयनितों में भी पुलिस आरक्षक भर्ती की तरह साल्वर गैंग या दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा तो नहीं हुआ।
मंडल के डायरेक्टर साकेत मालवीय के अनुसार, जहां भी परिणाम में असामान्य पैटर्न या गड़बड़ी के संकेत मिलते हैं, वहां परिणाम रोककर विस्तृत जांच की जाती है। जांच पूरी होने के बाद ही फाइनल रिजल्ट जारी किया जाएगा। इस घटनाक्रम के बाद चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं।
लगातार सामने आ रही अनियमितताओं ने न केवल अभ्यर्थियों की उम्मीदों को झटका दिया है, बल्कि सरकारी चयन प्रक्रियाओं की साख पर भी असर डाला है। वनरक्षक भर्ती में चयन लिखित परीक्षा, शारीरिक परीक्षण और दस्तावेज सत्यापन के आधार पर होता है। लिखित परीक्षा में सामान्य ज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी, गणित और विज्ञान जैसे विषय शामिल होते हैं।
अब दस्तावेजों की गहन जांच के जरिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि केवल योग्य और ईमानदार अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति मिले। भर्ती प्रक्रिया में बार-बार सामने आ रही गड़बड़ियों से अभ्यर्थियों में चिंता और असमंजस का माहौल है। मंडल ने आश्वासन दिया है कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।