मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव: सूची जारी होते ही बीजेपी में बगावती सुर, देवास में 5 में से 4 सीटों पर अनबन
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 4, 2018 08:10 AM2018-11-04T08:10:21+5:302018-11-04T08:10:21+5:30
मध्य प्रदेश में 2003 से भाजपा की सरकार है। भाजपा ने शुक्रवार को अपने 177 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। राज्य में 11 दिसम्बर को 230 विधान सभा सीट के लिए चनुाव होने वाले हैं।
(नितिन गुप्ता)
मध्यप्रदेश मे विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रत्यशियों की सूची जारी होते ही शुरू हुए बगावती सुर देखने को मिल रहे हैं। देवास जिला भी अछूता नही रहा । देवास जिले की पाँच विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 4 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की हैं। देवास जिले की सभी सीटों पर भाजपा का कब्जा हैं । इसमे से फिलहाल सोनकच्छ सीट को छोड़कर घोषित प्रत्याशीयो में तीन पर वर्तमान विधायको को ही टिकट दिए गये हैं । जबकि बागली विधानसभा से बीजेपी ने अपने विधायक का टिकट काटकर पुलिस विभाग में dsp पद छोड़कर हाल ही में राजनीति में उतरे पहाड़सिंह कन्नौजे को टिकट दिया हैं।
इन चारों ही सीटो से बीजेपी के असन्तुष्ट नेताओ ने बगावत की राह पकड़ ली हैं। देवास विधानसभा सीट से देवास राजघराने की गायत्री राजे पवार नेआज बीजेपी प्रत्यासी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया, वही देवास के बीजेपी पार्षद और वरिष्ठ नेता दिलीप बांगर ने देवास में बीजेपी पर वंशवाद काआरोप लगाते हुए बागी उम्मीदवार के रूप में अपना परचा दाखिल कर दिया।
भाजपा नेता दिलीप बांगर ने पहले ही घोषणा कर दी थी की वे वंशवाद का विरोध करते है, और अगर इस बार भी टिकट महल के कहते में जाता है तो वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे। दिलीप बांगर भी आज अपने साथ बड़ी तादाद में भीड़ लेकर जुलूस के रूप में कलेक्टोरेट पहुंचे। उनके साथ समर्थक पिला झंडा और हाथो में वंशवाद के खिलाफ नारे लिखी तख्तियां लेकर चल रहे थे। उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा पिछले 3 दशक से एक ही परिवार को टिकट दिया जा रहा है, इस व्यवस्था का विरोध करते हुए उन्होंने कहा की भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का सम्मान बचने वे मैदान में उतरे है । उधर जिले की हाटपिपल्या सीट से मंत्री दीपक जोशी की उम्मीदवारी के खिलाफ दो बार विधायक रहे तेज सिंह सेंधव ने भी आज निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन जमा कर दिया।
उधर आदिवासी सुरक्षित सीट बागली से भी वर्तमान विधायक चम्पालाल देवड़ा ने भी टिकट कटने के बाद बागी बनने के संकेत दे रहे हैं। उनका कहना है कि मै लगातार दो चुनाव जीता हू। मैंने पिछला चुनाव 25 हजार वोटों से जीता था, ऐसे में पार्टी मुझे और इलाके की जनता की भावना को नजरअंदाज नही कर सकती। उन्होंने जनता से विमर्श कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं।
वही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के संसदीय इलाके की खातेगांव सीट से बीजेपी प्रत्यशी आशीष शर्मा की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे पूर्व विधायक बृजमोहन धूत ने भी अपने समर्थकों के साथ बीजेपी छोड़ने के संकेत दिए हैं । बृजमोहन धूत खातेगांव से दो बार विधायक रहे हैं। अनुशासन और सिद्धान्तों की बात करने वाली भाजपा द्वारा उम्मीदवारों की घोषणा के बाद से ही पूरे प्रदेश में उठ रहे बगावत के सुर से यह तो स्पष्ट है कि इस बार बीजेपी के लिए सत्ता की राह आसान नही है ।