मध्य प्रदेश चुनावः अपने बेटों को टिकट दिलाने के लिए छटपटाते रहे कांग्रेस-बीजेपी के दिग्गज, आलाकमान ने नहीं दी तवज्जो
By मुकेश मिश्रा | Published: November 8, 2018 03:26 PM2018-11-08T15:26:05+5:302018-11-08T15:26:05+5:30
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता के रूप में जाने जाने वालेपूर्व मंत्री महेश जोशी भी अपने पुत्र पिंटू जोशी को टिकट नहीं दिला पाए।
इन्दौरः 08 नवम्बर:कांग्रेस और भाजपा के दिग्गज नेता अपने अपने पुत्रों को विधानसभा का टिकट नहीं दिला पाए। जबकि संगठन से लेकर सरकार तक में इन नेताओं की तुती बोलती थी। दोनों तीन नम्बर विधानसभा से टिकट चाह रहे थें।
इन्दौर से आठ बार की सांसद सुमित्रा महाजन आज लोकसभा स्पीकर है। अटल सरकार में वे दूरसंचार और पेट्रोलियम विभाग की मंत्री रही वरिष्ठ नेता है। लेकिन वे इस बार भी पिछली बार की तरह अपने पुत्र मन्दार महाजन को टिकट नहीं दिला पायी।
जबकि कुछ दिनों पहले ही संघ और संगठन में उनकी बात को तवज्जों नहीं दिए जाने की शिकायत की थी। जिसके बाद केन्द्रीय नेतृत्व ने ताबड़-तोड़ अपने दूतों को महाजन से मिलने इन्दौर भेजा था।
वही प्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता के रूप में जाने जाने वालेपूर्व मंत्री महेश जोशी भी अपने पुत्र पिंटू जोशी को टिकट नहीं दिला पाए। इस टिकट की वजह से उनके कुनबे में ही रार छिड़ गयी थी। तीन बार से विधायक भतीजा अश्विनी जोशी उन्हीं की टिकट में चुनाव लड़ते रहें।
जब पुत्र को टिकट देने की बात आयी तो भतीजे ने अपनी दावेदारी छोड़ने से मना कर दिया। आखिरी दम तक किला लड़ाने के बाद भी महेश जोशी को न-उम्मीदी ही मिली। जब प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार थी तब जोशी का रुतबा दिग्विजय सिंह से कम नहीं था। उस वक्त उनका कहा सत्ता और शासन में पत्थर की लकीर मानी जाती थी। आज दोनों ही नेता अपने पुत्रों को तीन नम्बर विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं दिला पाये।