MP चुनावः आज तय हो जाएगा इन 70 साल से अधिक उम्र के नेताओं का भविष्य 

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 11, 2018 05:36 IST2018-12-11T05:36:01+5:302018-12-11T05:36:01+5:30

सबसे उम्रदराज कांग्रेस प्रत्याशियों की फेहरिस्त में पूर्व मंत्री सरताज सिंह (78) अव्वल हैं ण अपनी परंपरागत सिवनी-मालवा सीट से चुनावी टिकट काटे जाने से नाराज होकर सिंह ने भाजपा छोड़ दी थी.

madhya pradesh election: 70 years above candidates political career | MP चुनावः आज तय हो जाएगा इन 70 साल से अधिक उम्र के नेताओं का भविष्य 

MP चुनावः आज तय हो जाएगा इन 70 साल से अधिक उम्र के नेताओं का भविष्य 

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की मंगलवार को होने वाली मतगणना 70 साल से ज्यादा उम्र के दर्जन भर नेताओं के सियासी भविष्य का फैसला करेगी, जिनमें निवर्तमान भाजपा सरकार के दो काबीना मंत्री शामिल हैं. इन नेताओं ने बतौर उम्मीदवार पूरी ताकत से चुनाव लड़कर यह जताने की कोशिश की है कि उम्र उनके लिए महज एक आंकड़ा है. 

राज्य में 28 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस, दोनों प्रमुख दलों ने 70 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं पर उम्मीदवारी का भरोसा जताया. लंबे सियासी अनुभव को तरजीह देते हुए भाजपा ने बड़वारा से पूर्व मंत्री मोती कश्यप (78), लहार से रसाल सिंह (76), गुढ़ से नागेंद्र सिंह (76), नागौद से पूर्व मंत्री नागेंद्र सिंह (76), रैगांव से जुगुल किशोर बागरी (75) को चुनावी मैदान में उतारा. 

निवर्तमान स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह (73) मुरैना से चुनाव लड़े, जबकि निवर्तमान वित्त मंत्री जयंत मलैया (71) ने अपनी परंपरागत दमोह सीट से मोर्चा संभाला. इनके अलावा, भाजपा के दो अन्य प्रत्याशियों-सिंहावल से शिवबहादुर सिंह चंदेल और महाराजपुर से मानवेंद्र सिंह की उम्र 70-70 साल है.

सबसे उम्रदराज कांग्रेस प्रत्याशियों की फेहरिस्त में पूर्व मंत्री सरताज सिंह (78) अव्वल हैं ण अपनी परंपरागत सिवनी-मालवा सीट से चुनावी टिकट काटे जाने से नाराज होकर सिंह ने भाजपा छोड़ दी थी. कांग्रेस ने उन्हें होशंगाबाद से चुनाव लड़ाया है. कांग्रेस ने मंदसौर से पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा (72) और कटंगी से टामलाल सहारे (71) को चुनावी मैदान में उतारा. 

कांग्रेस की पूर्ववर्ती दिग्विजय सिंह सरकार में वाणिज्य और उद्योग मंत्री रहे नाहटा का मानना है कि सियासत में किसी उम्मीदवार की उम्र के मुकाबले उसका तजुर्बा ज्यादा मायने रखता है. अपनी चुनावी जीत का भरोसा जताते हुए नाहटा ने कहा कि चुनावों के दौरान मतदाता किसी उम्मीदवार की उम्र नहीं, बल्कि उसका अनुभव और उसके गुण-दोष देखते हैं. 

प्रदेश के सबसे उम्रदराज उम्मीदवारों में पूर्व कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया (75) भी शामिल हैं. ‘बाबाजी’ के नाम से मशहूर कुसुमरिया को इस बार भाजपा ने चुनावी टिकट नहीं दिया. इसके बाद उन्होंने बागी तेवर दिखाते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में दो सीटों-दमोह और पथरिया से चुनाव लड़ा. 

Web Title: madhya pradesh election: 70 years above candidates political career

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