भोपालः मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 में सरकारी स्कूलों के 7,900 मेधावी छात्रों को मुफ्त ई-स्कूटी वितरित की, जो उच्च माध्यमिक विद्यालयों के स्कूल स्तर पर मेरिट सूची में शामिल हैं। यह स्कूटी उन छात्रों को दी गई जिन्होंने एमपी बोर्ड की 12वीं परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने छात्रों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और नैतिकता के महत्व पर जोर दिया। कार्यक्रम के दौरान हॉल छात्रों से खचाखच भरा हुआ था। जैसे ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंच पर पहुंचे, छात्रों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया।
सीएम ने छात्रों से संवाद करते हुए पूछा कि वे जीवन में क्या बनना चाहते हैं। किसी ने आईएएस बनने की इच्छा जताई, तो किसी ने साइंटिस्ट बनने की। मुख्यमंत्री ने सभी छात्रों की आकांक्षाओं को सराहा और सफलता की प्रेरणादायक कहानियां सुनाईं।
नैतिकता ही सफलता की कुंजी – सीएम डॉ. यादव
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अब्राहम लिंकन का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, "हमें केवल अपने तक सीमित नहीं रहना है, बल्कि पूरे देश के विकास में योगदान देना है। योग्यता के साथ नैतिकता का होना भी जरूरी है। नैतिकता ही हमें ऊंचाइयों तक ले जाती है।"
उन्होंने रावण का उदाहरण देते हुए कहा कि उसके पास सारी सुख-सुविधाएं थीं, लेकिन नैतिकता की कमी के कारण उसका अंत हो गया। छात्रों से उन्होंने अपील की कि वे शिक्षक, किसान, नेता या उद्योगपति बनकर समाज और देश के उत्थान में योगदान दें।
स्कूटी योजना से छात्रों को मिली उड़ान
यह स्कूटी वितरण योजना स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा चलाई जाती है, जिसके तहत हर साल 12वीं में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों को ई-स्कूटी दी जाती है। इससे पहले भी सरकार हजारों छात्रों को यह सुविधा प्रदान कर चुकी है। पहल से छात्रों में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार हुआ है। इस योजना का उद्देश्य न केवल छात्रों को प्रोत्साहित करना है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की राह पर भी आगे बढ़ाना है।