Madhya Pradesh: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के रतलाम दौरे की पूर्ववर्ती रात्रि को उस समय हड़कंप मच गया। जब मुख्यमंत्री के काफिले में शामिल होने इंदौर से रतलाम पहुंची 19 इनोवा कारें एक - एक कर बंद होती गई। सूचना मिलते ही प्रशासनिक व्यवस्था में लगे छोटे - बड़े सभी अफसरों को भरी बरसात में पसीना उतर गया।जांच में सामने आया है कि इन वाहनों में जिस पंप से डीजल भरवाया गया था, उसमें डीजल के साथ पानी की मिलावट थी।
इंदौर डीआरपी लाइन से भेजी गई थीं विशेष गाड़ियां
इन 19 गाड़ियों को इंदौर डीआरपी लाइन से विशेष रूप से बुलाया गया था, ताकि मुख्यमंत्री, उनके सुरक्षाकर्मियों, वरिष्ठ अधिकारियों और कार्यक्रम में शामिल हो रहे कैबिनेट मंत्रियों को हवाई पट्टी से लेकर कार्यक्रम स्थल तक ले जाया जा सके। यह सभी गाड़ियां मुख्यमंत्री की वीआईपी मूवमेंट योजना का अहम हिस्सा थीं।
जैसे ही यह गाड़ियां रतलाम पहुंचीं और डीजल भरवाया गया, कुछ ही दूरी पर इनकी हालत बिगड़ने लगी। एक-एक करके सभी वाहन बंद हो गए।
पेट्रोल पंप पर प्रशासन की कार्रवाई शुरू
प्रारंभिक जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि डीजल में पानी की मात्रा अत्यधिक थी, जिससे वाहनों का इंजन खराब हो गया। इस घटना के सामने आते ही जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पेट्रोल पंप पर तत्काल जांच शुरू की गई।
– डीजल के नमूने लिए गए हैं और– पेट्रोल पंप मालिक से पूछताछ की जा रही है।– संबंधित पंप को अस्थायी रूप से सील किया गया है।
रीजनल राइज कॉन्क्लेव की तैयारियां प्रभावित
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 27 जून को रतलाम में आयोजित “रीजनल राइज कॉन्क्लेव” में भाग लेने आ रहे हैं। यह कार्यक्रम उद्योग एवं निवेश को लेकर एक राज्य स्तरीय आयोजन है, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधि, उद्यमी, निवेशक और अधिकारी शामिल होंगे। इस कार्यक्रम की तैयारियों में जिला प्रशासन कई दिनों से जुटा था, लेकिन वाहन कांड ने व्यवस्थाओं को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार से लेकर प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सीएम काफिले जैसी संवेदनशील व्यवस्थाओं में इस तरह की चूक किसी बड़ी दुर्घटना का कारण भी बन सकती थी। जिला प्रशासन के आला अधिकारी अब पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही गई है।
फिलहाल सभी की निगाहें मुख्यमंत्री कार्यालय की प्रतिक्रिया और आगामी सुरक्षा व्यवस्था पर टिकी हुई हैं।