लोकमत सुर ज्योत्सना राष्ट्रीय संगीत पुरस्कार समारोह में गीतकार जावेद अख्तर हुए भावुक, बोले- 'प्यार करने वालों ने दिया पहला पुरस्कार'
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 29, 2025 22:46 IST2025-03-29T22:46:13+5:302025-03-29T22:46:13+5:30
सुर ज्योत्सना राष्ट्रीय संगीत पुरस्कार समारोह हर साल ‘लोकमत सखी मंच’ की संस्थापक और संगीत साधक ज्योत्सना विजय दर्डा की स्मृति में आयोजित किया जाता है. इस वर्ष इस पुरस्कार समारोह का 12वां संस्करण है.

लोकमत सुर ज्योत्सना राष्ट्रीय संगीत पुरस्कार समारोह में गीतकार जावेद अख्तर हुए भावुक, बोले- 'प्यार करने वालों ने दिया पहला पुरस्कार'
मुंबई : ‘‘हालांकि मैंने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन यही कहना चाहूंगा कि जिंदगी ग्रैंड होकर देखनी चाहिए. मुझे कई बुद्धिमान लोगों और आलोचकों ने पुरस्कृत किया है, लेकिन मुझसे प्यार करने वालों की ओर से दिया जाने वाला यह पहला पुरस्कार है.’’
कुछ इन शब्दों में मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने अपनी भावनाएं व्यक्त कीं. मौका था ‘लोकमत सुर ज्योत्सना राष्ट्रीय संगीत पुरस्कार, 2025’ के वितरण समारोह का. सुर ज्योत्सना राष्ट्रीय संगीत पुरस्कार समारोह हर साल ‘लोकमत सखी मंच’ की संस्थापक और संगीत साधक ज्योत्सना विजय दर्डा की स्मृति में आयोजित किया जाता है. इस वर्ष इस पुरस्कार समारोह का 12वां संस्करण है.
यहां एनसीपीए के टाटा थिएटर में कलाकारों और संगीत प्रेमियों की उपस्थिति में यह शानदार समारोह आयोजित किया गया. सुप्रसिद्ध गीतकार-पटकथा लेखक जावेद अख्तर को ‘लीजेंड’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. प्रसिद्ध गायक नितिन मुकेश को संगीत के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के लिए ‘ऑइकॉन’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
जावेद अख्तर ने गहरे भाव रखने वाली बात रखते हुए कहा, ‘‘अब जिंदगी की राह छोटी और काम का पहाड़ बहुत बड़ा लगता है. इसका अनुमान सहज लगाया जा सकता है कि ऐसे समारोह आयोजित करने वाले विजय दर्डा को ज्योत्सना ने कितना प्यार दिया होगा! इसलिए मैं हर लड़के में विजय और हर लड़की में ज्योत्सना देखना चाहूंगा.’’ जब उन्होंने यह बात कही तो हॉल तालियों से गूंज उठा.
समारोह में सांस्कृतिक कार्य मंत्री एड. आशीष शेलार, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, कौशल विकास मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, लोकमत मीडिया समूह के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन और राज्यसभा के पूर्व सांसद डॉ. विजय दर्डा, पूर्व मंत्री सुरेशदादा जैन, गायक रूपकुमार राठौड़, अभिनेता नील नितिन मुकेश, लोकमत समूह के प्रबंध निदेशक (एमडी) देवेंद्र दर्डा, संयुक्त प्रबंध निदेशक (जेएमडी) और संपादकीय निदेशक ऋषि दर्डा उपस्थित थे. समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन से की गई.
नितिन मुकेश ने कहा, ‘‘यदि आज खुशी की वजह से मेरी जुबान लड़खड़ाई तो मुझे माफ कीजिएगा. इस पुरस्कार के लिए डॉ. विजय दर्डा का धन्यवाद अदा करता हूं. पहले भी कई दिग्गजों को यह पुरस्कार मिल चुका है. यह मेरे पिता यानि मुकेशजी की स्मृति का सम्मान है. इस पुरस्कार के कारण मैं सदैव ‘लोकमत’ से जुड़ा रहूंगा. उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि भविष्य में मेरे बेटे नील और नमन को भी यह पुरस्कार मिलेगा.’’
कार्यक्रम में ड्रम पर गीनो बैंक्स, बास पर शेल्डन डिसिल्वा, ट्रम्पेट पर हर्ष भावसार, गिटार पर जयंत गोशर और तबले पर उन्मेश बनर्जी ने संगत की. यह कार्यक्रम सेलो द्वारा प्रायोजित और अदानी ग्रुप एवं सॉलिटेयर ग्रुप द्वारा सह-प्रायोजित था. इस मौके पर बताया गया कि जावेद अख्तर की कलम से ‘सुर ज्योत्सना गीत’ लिखा गया है.
मधुर गानों ने चार चांद लगा दिए
नितिन मुकेश ने अपनी सुरीली आवाज में ‘एक प्यार का नगमा है’, ‘आ अब लौट चले’ और ‘सो गया ये जहां’ जैसे कर्णप्रिय गीत प्रस्तुत किए. बिना किसी संगीत संगत के नितिन मुकेश ने अपनी आवाज से पूरे हॉल को अभिभूत कर दिया. उनके हर गाने पर तालियां मिलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा था. हॉल में मौैजूद हर कोई चाहता था कि रोमांच पैदा करने वाले ये पल कभी खत्म न हो!
सूफी-जैज संगीत का अनूठा संगम
इस वर्ष छह स्थानों पर सूर ज्योत्सना राष्ट्रीय पुरस्कार का आयोजन किया जा रहा है. ‘लोकमत सुर ज्योत्सना राष्ट्रीय संगीत पुरस्कार 2025’ में संगीत प्रेमियों को सूफी और जैज संगीत के एक अनूठे संगम अनुभूति हुई. इस मौके पर गजल गायिका पूजा गायतोंडे और संगीतकार लुईस बैंक्स के संगीत ने मंत्रमुग्ध कर दिया.