गूगल ने किया लुडविग गुट्टमन का सम्मान, पैरालंपिक आंदोलन के संस्थापक की 122वीं जयंती पर बनाया खास डूडल
By अभिषेक पारीक | Updated: July 3, 2021 10:13 IST2021-07-03T09:55:36+5:302021-07-03T10:13:31+5:30
गूगल ने शनिवार को जर्मनी में जन्मे ब्रिटिश न्यूरोलॉजिस्ट सर लुडविग पोप्पा गुट्टमन की 122वीं जयंती पर खास सम्मान दिया है।

(फोटोः गूगल डूडल)
गूगल ने शनिवार को जर्मनी में जन्मे ब्रिटिश न्यूरोलॉजिस्ट सर लुडविग पोप्पा गुट्टमन की 122वीं जयंती पर खास सम्मान दिया है। पैरालंपिक आंदोलन के संस्थापक रहे गुट्टमन का डूडल बनाया गया है। इस विशेष गूगल डूडल को अतिथि कलाकार आशांति फोर्टसन ने चित्रित किया।
3 जुलाई, 1899 को टॉस्ट, जर्मनी (अब टोस्जेक, पोलैंड) में जन्मे लुडविग गुट्टमन ने 1924 में एमडी की उपाधि प्राप्त की और इसके तुरंत बाद रीढ़ की हड्डी की चोटों पर शोध कार्य शुरू किया। तीस साल की उम्र तक लुडविग गुट्टमन ने खुद को जर्मनी के शीर्ष न्यूरोसर्जनों में से एक के रूप में स्थापित कर लिया था।
1933 में नाजी पार्टी के उदय और नूर्मबर्ग कानूनों के पारित होने के बाद गुट्टमन को पेशेवर रूप से चिकित्सा का अभ्यास करने से रोक दिया। 1939 में यहूदियों के बढ़ते उत्पीड़न के कारण गुट्टमन अपने परिवार के साथ जर्मनी से इंग्लैंड चले गए।
ओलंपिक्स फोर द डिसेबल्ड
इंग्लैंड में रहते हुए गुट्टमन ने 1944 में पैरापलेजिया में अपने शोध को आगे बढ़ाया और मैंडविल अस्पताल में नेशनल स्पाइनल इंजरी सेंटर के निदेशक के रूप में काम शुरू किया। उन्होंने 1948 में 16 लोगों की तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया। यह आधिकारिक रूप से व्हीलचेयर उपयोग करने वालों के लिए पहली खेल प्रतिस्पर्धा थी। इस घटना को बाद में 'स्टोक मैंडविल गेम्स' या 'ओलंपिक्स फोर द डिसेबल्ड' का नाम दिया गया। इसने दुनिया भर के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा।
नाइट की उपाधि से नवाजा
उन्होंने 1961 में इंटरनेशनल मेडिकल सोसाइटी ऑफ पैरापलेजिया (इंटरनेशनल स्पाइनल कॉर्ड सोसाइटी) और ब्रिटिश स्पोर्ट्स एसोसिएशन फॉर द डिसेबल्ड (एक्टिविटी एलायंस) की भी स्थापना की। उन्हें उनके योगदान के लिए कई प्रशंसाएं मिलीं। 1966 में इंग्लैंड की महारानी ने उन्हें नाइट की उपाधि से नवाजा।
अधिकारों ओर स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए प्रेरक शक्ति
गूगल डूडल पेज ने कहा कि आज पैरालंपिक एथलीटों को उनके कौशल और उपलब्धियों के लिए पहचाना जाता है। यह खेल विकलांग लोगों के अधिकारों ओर स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए प्रेरक शक्ति बने हुए हैं।