तीर्थाटन से समृद्ध हो रही भगवान राम की नगरी, अयोध्या में 1798.23 करोड़ रुपए जीएसटी के जरिए प्राप्त हुए
By राजेंद्र कुमार | Updated: December 3, 2024 19:19 IST2024-12-03T19:15:53+5:302024-12-03T19:19:04+5:30
राज्य में जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ों ने इस सच्चाई को उजागर किया है। इन आंकड़ों के मुताबिक बीते दो वर्षों में अयोध्या, इटावा, मुरादाबाद और मेरठ जैसे शहर अब लखनऊ और कानपुर जैसे शहरों से कारोबारी ग्रोथ में आगे निकल गए हैं।

तीर्थाटन से समृद्ध हो रही भगवान राम की नगरी, अयोध्या में 1798.23 करोड़ रुपए जीएसटी के जरिए प्राप्त हुए
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कारोबारी विकास की रफ्तार को लेकर अयोध्या सहित कई छोटे शहरों की ग्रोथ ने बड़े शहरों को पीछे छोड़ दिया है। राज्य में जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ों ने इस सच्चाई को उजागर किया है। इन आंकड़ों के मुताबिक बीते दो वर्षों में अयोध्या, इटावा, मुरादाबाद और मेरठ जैसे शहर अब लखनऊ और कानपुर जैसे शहरों से कारोबारी ग्रोथ में आगे निकल गए हैं।
अयोध्या में बढ़ी कारोबारी विकास की ग्रोथ को वहां बने भगवान राम के भव्य मंदिर के जोड़ा जा रहा है। इस मंदिर के कारण ही अयोध्या में तीर्थाटन बढ़ा। जिसके चलते ही अयोध्या में आर्थिक रूप से समृद्ध हुआ। होटल और रेस्टोरेन्ट के कारोबार ने अयोध्या में जबर्दस्त तरक्की की। परिणाम स्वरूप मात्र दो वर्ष में ही वहां जीएसटी वसूली की ग्रोथ में 35 प्रतिशत का उछाल आ गया, जबकि इन दो वर्षों में लखनऊ और कानपुर जैसे श्हरों में जीएसटी ग्रोथ 21.89 और 5.95 प्रतिशत ही बढ़ी।
अयोध्या में इस कारण बढ़ा जीएसटी कलेक्शन :
अब जीएसटी कलेक्शन में ग्रोथ के लिहाज से अयोध्या यूपी में सबसे आगे है। दो साल पहले अयोध्या यानी वर्ष 2022 में अयोध्या में जीएसटी संग्रह 990.14 करोड़ रुपए हुआ था। जबकि वर्ष 2024 में 1798.23 करोड़ रुपए जीएसटी के जरिए प्राप्त हुआ। अयोध्या में मात्र दो वर्षों के दौरान जीएसटी ग्रोथ में 35.01 प्रतिशत के हुए इस इजाफे को जीएसटी के अधिकारी अयोध्या में भगवान राम के बने भव्य मंदिर के बाद बढ़े धार्मिक पर्यटन से जोड़ रहे हैं।
इस अधिकारियों का कहना है कि अयोध्या के बुनियादी ढांचे में बीते चार वर्षों के दौरान बहुत निवेश हुआ है, वहां अच्छे होटल - रेस्टोरेन्ट बने और बन रहे हैं. अयोध्या शहर में सड़क बुनियादी सुविधाओं को बेहतर किया गया। तमाम बड़े-बड़े आयोजन किया गए और किए जा रहे हैं, जिसके चलते अयोध्या में तीर्थाटन बढ़ा और उसके चलते अयोध्या की व्यवसायिक ग्रोथ बढ़ी।
इसका नतीजा यह है कि चार साल पहले तक जो अयोध्या सूनी दिखती थी आज वह कारोबार का सबसे बड़ा गढ़ बन गई है। जीएसटी संग्रह की ग्रोथ को लेकर अयोध्या अब लखनऊ और कानपुर से आगे निकल गई है।
जीएसटी कलेक्शन का ब्यौरा
जीएसटी विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यूपी में कारोबारी विकास की रफ्तार (जीएसटी संग्रह की ग्रोथ) में मामले में अब अयोध्या प्रदेश में अव्वल स्थान पर है। जबकि दूसरे नंबर पर इटावा, तीसरे नंबर पर मुरादाबाद, चौथे नंबर पर मेरठ तथा पांचवें नंबर पर लखनऊ और छठे स्थान पर गोरखपुर का स्थान है। जीएसटी कलेक्शन की ग्रोथ के लिहाज से गाजियाबाद, कानपुर, गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) जैसे शहर पीछे हैं।
जीएसटी अफसरों के मुताबिक वर्ष 2022 में लखनऊ में 5096.22 करोड़ रुपए और वर्ष 2024 में 6595.41 करोड़ रुपए जीएसटी के जरिए प्राप्त हुए। यानी लखनऊ में 21.89 प्रतिशत ही जीएसटी ग्रोथ में इजाफा हुआ। कानपुर में भी कुछ ऐसा ही वहां भी दो वर्षों में जीएसटी ही ग्रोथ में 5.95 प्रतिशत इजाफ़ा हुआ, जबकि वाराणसी में यह ग्रोथ 18.89 प्रतिशत दर्ज की गई। वाराणसी में बढ़ी ग्रोथ को भी वहां बने भव्य काशी विश्वनाथ धाम से जोड़ा जा रहा है।