Lonavala waterfall tragedy: चेतावनी पट्टिकाएं को फॉलो कीजिए, नदियों, झीलों, बांधों, झरनों को लेकर दिशानिर्देश जारी, डीएम ने पर्यटकों को किया आगाह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 2, 2024 12:16 IST2024-07-02T12:14:59+5:302024-07-02T12:16:53+5:30
Lonavala waterfall tragedy: दुर्घटना की आशंका वाले स्थानों और जिन स्थानों पर सुरक्षा उपाय नहीं किए जा सकते हैं उन्हें पर्यटकों के लिए बंद किया जाना चाहिए।

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Lonavala waterfall tragedy: लोनावला में भुशी बांध के पास एक झरने के तेज बहाव में एक महिला और चार बच्चों के बह जाने के कारण मौत के बाद पुणे जिला प्रशासन ने मानसून के मद्देनजर पर्यटकों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी सुहास दिवासे ने सोमवार को अधिकारियों को संभावित खतरों की पहचान करने के लिए सर्वेक्षण करने और पश्चिमी घाट में स्थित मावल, मुलशी, खेड़, जुन्नार, भोर, वेल्हा और अम्बेगांव आदि इलाकों में आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा, "दिवासे ने जिलाधिकारियों को नदियों, झीलों, बांधों, झरनों, किलों और वन क्षेत्रों वाले पिकनिक स्थलों का दौरा करने और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी पट्टिकाएं लगाकर निषिद्ध क्षेत्रों की सीमा निर्धारित करने का निर्देश दिया। दुर्घटना की आशंका वाले स्थानों और जिन स्थानों पर सुरक्षा उपाय नहीं किए जा सकते हैं उन्हें पर्यटकों के लिए बंद किया जाना चाहिए।"
मानसून के दौरान बड़ी संख्या में लोग भुशी, पावना बांध क्षेत्र, लोनावला, सिंहगढ़, मालशेज और तमहिनी घाट आते हैं। अधिकारी ने कहा, "राजस्व, वन, रेलवे, नगर निगम और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) जैसी एजेंसियों को उन जलाशयों में गोताखोर, बचाव नौकाएं, जीवन रक्षक तैनात करने चाहिए जहां पर्यटक अक्सर आते हैं।
साथ ही जीवन रक्षक जैकेट और अन्य आवश्यक सामग्री भी तैयार रखनी चाहिए। दिवासे ने जिला प्रशासन से गैर सरकारी संगठनों, बचाव संस्थाओं, ट्रेकर्स और स्थानीय लोगों को भी इसमें शामिल करने को कहा।" दिवासे ने कहा कि शाम छह बजे के बाद जंगल में ऐसे स्थानों पर आगंतुकों को जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।