Lokmat Parliamentary Awards 2019: उपराष्ट्रपति ने कहा- विरोध जताने के लिए कागज फाड़ना राष्ट्रीय क्षति, ओवैसी ने फाड़ी थी CAB की कॉपी

By भाषा | Published: December 11, 2019 05:31 AM2019-12-11T05:31:03+5:302019-12-11T05:31:03+5:30

Lokmat Parliamentary Awards 2019: लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए एआईएमआईएम के नेता असदुद्ददीन ओवैसी ने विधेयक की प्रति फाड़ दी थी।

Lokmat Parliamentary Awards 2019: Tearing of paper to protest is a national loss say venkaiah Naidu over owaisi | Lokmat Parliamentary Awards 2019: उपराष्ट्रपति ने कहा- विरोध जताने के लिए कागज फाड़ना राष्ट्रीय क्षति, ओवैसी ने फाड़ी थी CAB की कॉपी

Lokmat Parliamentary Awards 2019

Highlightsउपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने लोकतंत्र में विपरीत मत और विरोध को अनिवार्य अधिकार बताते हुए कहा है कि विरोध जताने के लिए काग़ज़ फाड़ना ‘राष्ट्रीय क्षति’ है।नायडू ने मंगलवार को ‘लोकमत संसदीय सम्मान समारोह’ को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक संसदीय प्रणाली में विरोध दर्ज कराने के कारगर उपाय मौजूद हैं लेकिन इन उपायों से इतर तरीक़े अपनाना उचित नहीं है।

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने लोकतंत्र में विपरीत मत और विरोध को अनिवार्य अधिकार बताते हुए कहा है कि विरोध जताने के लिए काग़ज़ फाड़ना ‘राष्ट्रीय क्षति’ है, क्योंकि विरोध के इस तरीक़े से लोगों में ग़लत संदेश जाता है। नायडू ने मंगलवार को ‘लोकमत संसदीय सम्मान समारोह’ को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक संसदीय प्रणाली में विरोध दर्ज कराने के कारगर उपाय मौजूद हैं लेकिन इन उपायों से इतर तरीक़े अपनाना उचित नहीं है।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए एआईएमआईएम के नेता असदुद्ददीन ओवैसी ने विधेयक की प्रति फाड़ दी थी। नायडू ने संसद सदस्यों से सरकार की नाकामियों को उजागर करने के लिए सदन में सवाल पूछने से लेकर मतविभाजन कराने सहित अन्य विधिसम्मत तरीक़े अपनाने को कारगर तरीक़ा बताते हुए कहा, “काग़ज़ फाड़कर आप सिर्फ़ राष्ट्रीय क्षति करते हैं। यह बात समझना चाहिए कि इससे लोगों के मन में व्यवस्था के प्रति छवि को बेहद नुक़सान होता है।”

संसद के दोनों सदनों में उल्लेखनीय कार्यों के लिए विभिन्न श्रेणियों में अग्रणी मीडिया समूह लोकमत द्वारा हर साल दिए जाने वाले “लोकमत संसदीय सम्मान” को कारगर पहल बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे संसद सदस्यों के बेहतर कामों को ना सिर्फ़ जनता के बीच पहचान मिलती है बल्कि अन्य सदस्यों को भी संसद की उच्च परम्पराओं का पालन करने की प्रेरणा मिलती है।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को क्रमशः राज्यसभा और लोकसभा में उत्कृष्ट कार्यों के लिए ‘लोकमत संसदीय सम्मान की लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ श्रेणी में सम्मानित किया गया। दोनों नेता समारोह में शिरकत नहीं कर सके। यादव की ओर से सपा की राज्यसभा सदस्य जया बच्चन ने सम्मान ग्रहण किया।

उत्कृष्ट सांसद के लिए लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के प्रोफेसर सौग़त राय, राज्यसभा में द्रमुक के तिरुची शिवा को सम्मानित किया गया। दोनों सदनों की उत्कृष्ट महिला सांसद वर्ग में राकाँपा की लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले और कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य विप्लव ठाकुर को सम्मानित किया गया। इसके अलावा उच्च सदन और निचले सदन के लिए पहली बार चुनी गयी उत्कृष्ट महिला सांसद की श्रेणी में लोकसभा में राकाँपा सदस्य भारती प्रवीण पवार और राज्यसभा में जेडीयू की कहकशां परवीन को लोकमत संसदीय सम्मान दिया गया।

नायडू ने विधायिका के सदस्यों की छवि को श्रेष्ठ बनाने में सदस्यों के व्यवहार को प्रमुख कारक बताते हुए कहा कि सदस्यों का व्यवहार, चरित्र और कार्यक्षमता ही उनकी छवि को अच्छा और बुरा बनाते हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि विरोध और आलोचना, लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अनिवार्य अंग है और इससे सरकार की कमियों को दूर करने मे मदद मिलती है। इसीलिए संसदीय प्रक्रिया में सवाल पूछने, मतविभाजन कराने और निजी विधेयक सहित विरोध के तमाम तरीक़ों को सुझाया गया है।

नायडू ने कहा कि इनके माध्यम से सरकार की ग़लतियों को उजागर किया जा है। नायडू ने कहा की सभी राजनीतिक दलों को यह समझना चाहिए कि उनके कार्यों की जनता बारीकी से समीक्षा करती है। उन्होंने राष्ट्रीय हित को सभी दलों के लिए सर्वोपरि बताते हुए कहा, “हमारे लिए देश सबसे पहले, दल बाद में और स्वयं सबसे बाद में हों, यही लक्ष्य होना चाहिए। दुर्भाग्यवश कुछ लोग इसके विपरीत सोच के साथ काम कर रहे हैं।”

इस दौरान उपराष्ट्रपति ने मीडिया को भी नसीहत देते हुए कहा कि कारोबारी जगत के प्रभाव में आए बिना मीडिया को एक मिशन के तौर पर काम करना चाहिए। इस अवसर पर राकाँपा के अध्यक्ष शरद पवार, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और संविधानविद सुभाष कश्यप सहित वरिष्ठ राजनेता मौजूद थे। 

 

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