लोकमत स्वर्ण महोत्सवः देश को फिर से तोड़ने की साजिश चल रही, संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले-यहां विविधता में एकता है और एकता में विविधता है...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 6, 2022 20:39 IST2022-02-06T20:37:32+5:302022-02-06T20:39:01+5:30

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि विश्व गुरु भारत के निर्माण के लिए हम सभी को मिलकर साथ चलना होगा।

Lokmat 50 years rss chief Mohan Bhagwat unity in diversity and diversity in unity conspiracy to break country again | लोकमत स्वर्ण महोत्सवः देश को फिर से तोड़ने की साजिश चल रही, संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले-यहां विविधता में एकता है और एकता में विविधता है...

सत्ता प्राप्त करने के लिए अहंकार छोड़कर लोगों के बीच काम करने की आवश्यकता है। (file photo)

Highlightsमोहन भागवत ने इस दौरान ‘हिंदुत्व एवं राष्ट्रीय एकता’ विषय पर अपने विचार रखें।भारत तमाम आक्रमणों को झेलता आया और अपनी मूल पहचान बचाने में सक्षम हुआ तथा आगे बढ़ रहा है।जीवन संरक्षण, संवर्धन और सुरक्षा करने के लिए शपथ ली है। 

नागपुरः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने लोकमत स्वर्ण महोत्सव में कहा कि देश को फिर से तोड़ने की साजिश चल रही है। हिंदुत्व पर फिर से छेड़ा जा रहा है। हम सभी को विविधता का ध्यान रखना होगा। हमें पूर्वज के रास्ते पर चलना चाहिए। 

भागवत ने कहा कि यहां विविधता में एकता है और एकता में विविधता है। भारत ने कभी किसी का बुरा नहीं चाहा। पूर्व में हमारे पूर्वज यहां से पूरी दुनिया में गए और उन्होंने वहां के देशों को अपना धर्म (सत्य) दिया। लेकिन हमने कभी किसी को बदला नहीं, जो जिसके पास था उसे उसके पास ही रहने दिया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने इस दौरान ‘हिंदुत्व एवं राष्ट्रीय एकता’ विषय पर अपने विचार रखें। भूगोल हमेशा बदलते रहता है। पहले अंग्रेजों ने देश को तोड़ा। अब देश के अंदर के लोग इसे तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि ईरान से लेकर मिस्र तथा स्पेन से लेकर साइबेरिया तक पिछले समय में बदल गए और अब अपनी जड़ों को तलाशना भी चाहें, तब भी नहीं मिलेंगी, लेकिन भारत तमाम आक्रमणों को झेलता आया और अपनी मूल पहचान बचाने में सक्षम हुआ तथा आगे बढ़ रहा है।

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भारत पर आक्रमण करने वाले ब्रिटिश साम्राज्य में कभी सूर्यास्त नहीं होता था, लेकिन आज स्थितियां बदल गई हैं। भागवत ने कहा, ‘भारत सभी आक्रमणों को झेलने के बाद भी है और आगे बढ़ रहा है, क्योंकि हमारे ऊपर दुनिया का दायित्व है। भारत केवल महाशक्ति बनने के लिये ही नहीं उठ रहा है। हमें महाशक्ति नहीं बनना, बल्कि विश्व गुरु बनना है।’

हमने उन्हें ज्ञान दिया, विज्ञान दिया, गणित और आयुर्वेद दिया तथा उन्हें सभ्यता सिखाई। इसलिए हमारे साथ लड़ने वाले चीन के लोग भी यह कहते हुए नहीं सकुचाते कि भारत ने 2000 वर्ष पूर्व ही चीन पर अपनी संस्कृति का प्रभाव जमाया था, क्योंकि उस प्रभाव की याद ही सुखद है दुखद नहीं है। 

भागवत ने कहा कि हिंदू संस्कृति के धर्म योद्धाओं ने पवित्र हिंदू धर्म, संस्कृति और समाज की सारे जीवन संरक्षण, संवर्धन और सुरक्षा करने के लिए शपथ ली है। सत्ता प्राप्त करने के लिए अहंकार छोड़कर लोगों के बीच काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि धर्म पर चलकर और बिना किसी अहंकार के निस्वार्थ भाव से काम करके कोई भी व्यक्ति सबसे मुश्किल लक्ष्य को भी प्राप्त करने में सफल होता है।

Web Title: Lokmat 50 years rss chief Mohan Bhagwat unity in diversity and diversity in unity conspiracy to break country again

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