नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने हाल में पार्टी छोड़ने के बाद और भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद पहली बार अपनी पूर्व पार्टी और उसके वरिष्ठ नेता पर बेहद तीखा हमला बोला है।
भाजपा नेता गौरव वल्लभ ने रविवार को कांग्रेस महासचिव और संचार प्रमुख जयराम रमेश को परोक्षरूप से आरोपों के कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जिन लोगों ने कभी क्लास मॉनिटर का चुनाव नहीं लड़ा वो कांग्रेस पार्टी में चुनाव लड़ने पर ज्ञान दे रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार भाजाप में शामिल होने के बाद पहली बार कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए गौरव वल्लभ ने जयराम रमेश का नाम नहीं लिया, लेकिन बार-बार जयराम रमेश का नाम लिये जाने पर वह उन्हीं के बारे में बात कर रहे थे।
भाजपा नेता गौरव बल्लभ ने कहा", जब मैं कांग्रेस में शामिल हुआ तो यह सोचा था कि उनके 42 सांसद नए विचारों को प्रोत्साहित करेंगे। उदाहरण के लिए पिछले 30 वर्षों से कांग्रेस का घोषणापत्र एक ही व्यक्ति द्वारा बनाया गया है। यदि उस व्यक्ति के विचार मजबूत होते, तो आज की तारीख में पार्टी की इतनी खराब स्थिति नहीं होती।”
किसी जमाने में टेलीविजन समाचार चैनलों पर कांग्रेस की ओर से बहसों का हिस्सा बनने वाले गौरव वल्लभ ने कहा, "मैंने बजट पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से इनकार कर दिया और साफ कह दिया था कि जब तक कांग्रेस नेता राम मंदिर का दौरा नहीं करेंगे तब मैं कोई भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करूंगा। मैंने अडानी के खिलाफ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, लेकिन सेबी द्वारा उन्हें क्लीन चिट दिए जाने के बाद मैंने कोई अन्य प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की थी। कांग्रेस लगातार देश के उद्योगपतियों और सनातन धर्म को निशाना बना रही है।"
पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस की हालत तो अब ऐसी हो गई है कि पार्टी अब कई पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के पीए संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा, "लेकिन पीए को तो नहीं पता कि चुनाव कैसे लड़ना है। वे शायद यह भी नहीं जानते कि उत्तर प्रदेश और बिहार अलग-अलग राज्य हैं। अगर आप उनसे यह पूछेंगे तो वे इसे लेकर भ्रमित हो जाएंगे। अगर आप उनसे पूछेंगे कि जालोर, सरोही कहां हैं, तो वे कहेंगे शायद मध्य प्रदेश या फिर...। कांग्रेस का ग्राउंड कनेक्शन बेहद कमजोर है।"
गौरव वल्लभ ने जयराम रमेश पर तंज कसते हुए कहा, “एक व्यक्ति वर्षों पहले, जब मैं कॉलेज में था। वो कांग्रेस का प्रवक्ता हुआ करते थे अब वो पार्टी का संचार प्रमुख हैं, दरअसल उन्हें कांग्रेस की विचारधारा में कोई दिलचस्पी नहीं है, उन्हें तो केवल अपनी राज्यसभा सीट बरकरार रखने में दिलचस्पी है।"