Lok Sabha Elections 2024: "यूपी में सपा-कांग्रेस गठबंधन को 'शून्य' सीटें मिलेंगी, जनता ने उन्हें खारिज कर दिया है", डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: May 15, 2024 12:11 IST2024-05-15T12:00:08+5:302024-05-15T12:11:18+5:30
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सूबे में सपा-कांग्रेस गठबंधन को फेल बताते हुए कहा कि प्रदेश के लोगों ने दोनों दलों के गठजोड़ को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।

फाइल फोटो
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सूबे में सपा-कांग्रेस गठबंधन को फेल बताते हुए कहा कि प्रदेश के लोगों ने दोनों दलों के गठजोड़ को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने दोनों दलों में यूपी की जनता का कोई भरोसा नहीं है, इस कारण उन्हें यहां पर लोकसभा चुनाव में शून्य सीटें मिलेंगी।
पाठक ने एएनआई को बताया, "कांग्रेस-समाजवादी पार्टी के गठबंधन को शून्य सीटें मिलने जा रही हैं। अखिलेश यादव और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे यहां पर कुछ नहीं कर पाएंगे। राज्य की जनता ने उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया है।"
उपमुख्यमंत्री पाठक ने कहा, "पिछली सरकार की अराजकता आज भी लोगों के दिलों में सिहरन पैदा कर देती है। लोगों ने कांग्रेस पार्टी की भ्रष्ट नीतियों को खारिज कर दिया है। कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में एक भी सीट नहीं मिलेगी।"
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बेरोजगारी, महंगाई और उनकी नीतियों जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ने की "चुनौती" दी है। उन्होंने मंगलवार को अमेठी में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ''मैं प्रधानमंत्री को चुनौती देती हूं कि एक चुनाव बेरोजगारी, महंगाई और अपनी नीतियों पर लड़ें। एक बार जनता को बताएं कि आपने गरीबों के लिए, मजदूरों के लिए, आम आदमी के लिए क्या किया है। वह कुछ नहीं बता सकते हैं क्योंकि उन्होंने कुछ नहीं किया है।"
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। सीट बंटवारे के समझौते के अनुसार कांग्रेस सूबे की 17 सीटों पर और समाजवादी पार्टी 63 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
उत्तर प्रदेश में 20 मई को लोकसभा चुनाव का पांचवां चरण होगा। जिसमें झांसी, अमेठी, रायबरेली, लखनऊ, कैसरगंज, जालौन, हमीरपुर, बांदा, फ़तेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद और मोहनलालगंज में वोट डाले जाएंगे।
साल 2019 के चुनाव में उत्तर प्रदेश में एसपी-बीएसपी 'महागठबंधन' के गणित को उलट-पलट कर बीजेपी और उसकी सहयोगी अपना दल (एस) ने 80 लोकसभा सीटों में से 64 पर जीत हासिल की थी। वहीं अखिलेश यादव की सपा और मायावती की बसपा के खाते में केवल 15 सीटें ही आयी थीं।