लोकसभा चुनाव 2024ः बीजेपी के छह सांसदों ने अपनी सिटिंग सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया, देखें लिस्ट में कौन शामिल
By राजेंद्र कुमार | Updated: February 18, 2023 19:17 IST2023-02-18T19:16:21+5:302023-02-18T19:17:59+5:30
Lok Sabha Elections 2024: रीता बहुगुणा ने अपनी प्रयागराज सीट पर जनसंपर्क करना शुरू कर दिया और प्रयागराज सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर रही हैं.

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और पीएम मोदी। (file photo)
लखनऊः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अनुशासित राजनीतिक दल है. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का फैसला दल का हर नेता मानता रहा है. परंतु अब पार्टी में माहौल बन रहा है. और पार्टी से कई सिटिंग सांसद अपनी सीट से फिर चुनाव लड़ने का दावा ठोकने लगे हैं. यह हाल भी तब है जब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अभी तक किसी भी पार्टी सांसद को चुनाव लड़ने के लिए सहमति नहीं दी है.
इसके बाद भी पार्टी के छह सांसदों ने अपनी सिटिंग सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. ऐसे सांसदों में मेनका गांधी, वरुण गांधी, बृजभूषण शरण सिंह, रीता बहुगुणा जोशी, साक्षी महाराज और संघ मित्रा प्रमुख हैं. अब यह चर्चा है कि जल्दी ही कई अन्य सांसद भी अपनी सिटिंग सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान करेंगे.
रीता बहुगुणा जोशी का नाम लिया जा रहा
अपनी सिटिंग सीट से चुनाव लड़ने का सबसे पहले ऐलान करने वाले पार्टी सांसदों में रीता बहुगुणा जोशी का नाम लिया जा रहा है. बीते विधानसभा चुनावों के दौरान जब रीता बहुगुणा जोशी के पुत्र समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हुए तो पार्टी में उन्हें संदिग्ध माना जाने लगा.
ऐसे में रीता बहुगुणा ने अपनी प्रयागराज सीट पर जनसंपर्क करना शुरू कर दिया और अब वह फिर प्रयागराज सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर रही हैं. इसी प्रकार उन्नाव लोकसभा सीट से सांसद साक्षी महाराज ने ऐलान कर दिया है, अगर मैं चुनाव लड़ूंगा तो उन्नाव से ही लड़ूंगा, नहीं तो हरिद्वार में विश्राम करूंगा.
उन्नाव सीट से फिर चुनाव लड़ने का दावा
अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले साक्षी महराज ने यह ऐलान कर उन्नाव सीट से फिर चुनाव लड़ने का दावा कर दिया है. साक्षी महाराज 2014 में मोदी लहर के दौरान पहली बार उन्नाव से सांसद बने थे. फिर वर्ष 2019 में वह दूसरी बार उन्नाव से जीते. 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर साक्षी महाराज ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अरुण शंकर शुक्ला को हराया था.
तब साक्षी महाराज ने करीब चार लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. अब फिर वह अपने क्षेत्र में सक्रिय हो गए है. उनकी ही तरह पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने बीते दिनों यह कह दिया है, मैं राजनीति में आवाज उठाने के लिए आया हूं. पीलीभीत से मेरा खून का रिश्ता है और आप सभी लोग मेरा परिवार हैं.
पीलीभीत लोकसभा सीट से अगला चुनाव भी लड़ेंगे
जब तक मैं और मेरी मां हैं तब तक आपकी आवाज उठाती रहेगी. मैं और मेरी मां पीलीभीत के हर इंसान का दुख-दर्द और सुख समझते हैं. उनके इस बयान से स्पष्ट हो गया कि वो पीलीभीत लोकसभा सीट से अगला चुनाव भी लड़ेंगे. भाजपा उन्हें टिकट दे या ना दे.
फिलहाल वरुण गांधी के इस बयान और मेनका गांधी, ब्रजभूषण शरण सिंह और संघ मित्रा द्वारा अपनी सिटिंग सीटों से लड़ने के दिये गए संकेतों ने भाजपा नेताओं की टेंशन भी बढ़ा दी. इसकी वजह है यह सभी नेता अपने बल पर चुनाव जीतने में सक्षम हैं. मेनका गांधी और बृजभूषण शरण सिंह भले ही मोदी सरकार में मंत्री नहीं है.
सांसदों के दावे पर फैसला लिया जाएगा
पर भाजपा नेता यह जानते है कि इन नेताओं की सिटिंग सीट को बदला गया तो पार्टी को इसका नुकसान हो सकता है. और राज्य की सभी 80 सीटों को जिताने का लक्ष्य आधार में लटक सकता है. इसलिए अभी पार्टी के इन सांसदों के दावे की अनदेखी करने का फैसला पार्टी के शीर्ष स्तर पर लिया गया है. ताकि यह मामला टूल ना पकड़े और उचित समय पर पार्टी सांसदों के दावे पर फैसला लिया जाएगा.