Lok Sabha Elections 2024: बंगाल भाजपा में मची आंतरिक कलह, सुकांत मजूमदार, अमित मालवीय के पोस्टरों पर कार्यकर्ताओं ने मारी लात
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 13, 2023 09:17 AM2023-10-13T09:17:34+5:302023-10-13T09:24:27+5:30
साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल भाजपा में भारी कलह देखने को मिल रही है। बीते गुरुवार को भाजपा समर्थकों के एक वर्ग ने कोलकाता स्थित पार्टी मुख्यालय के बाहर जमकर हंगामा काटा।
कोलकाता: साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल भाजपा में भारी कलह देखने को मिल रही है। खबरों के मुताबित बीते गुरुवार को भाजपा समर्थकों के एक वर्ग ने कोलकाता स्थित पार्टी मुख्यालय के बाहर जमकर हंगामा काटा।
समाचार वेबसाइट फ्री प्रेस जर्नल के अनुसार पार्टी के आक्रोशित धड़े ने प्रदेश प्रमुख सुकांत मजूमदार, पार्टी के संगठन महासचिव अमिताभ चक्रवर्ती और सह-पर्यवेक्षक अमित मालवीय के पोस्टरों पर जमकर लात मारे और फिर उन्हें जला दिया गया।
पार्टी के असंतुष्ट समर्थकों का आरोप था कि उन्हें 'उचित सम्मान' नहीं दिया जा रहा है। इस कारण से राज्य भाजपा संगठन में बदलाव किया जाए। इस पूरे मसले पर एक असंतुष्ट नेता ने नाम न छापने पर कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार केवल 'कठपुतली' की तरह व्यवहार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "जनता के बीच पार्टी की छवि लगातार खराब हो रही है। पार्टी से शुरू से जुड़े रहे समर्थकों को उचित सम्मान नहीं दिया जा रहा है और नए सदस्यों को अधिक जिम्मेदारियां दी जा रही हैं। नए सदस्यों में से कुछ का तो सीधे सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस से भी संबंध है। वर्तमान स्थिति ऐसी है कि पार्टी अगर ऐसा ही करती रहेगी तो यहां वो एक भी सीट नहीं जीत सकती है।"
वहीं असंतोष कार्यकर्ताओं में से एक अन्य ने भाजपा के बीरभूम जिला अध्यक्ष द्रुभा साहा की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा, "द्रुभा साहा बेहद अवसरवादी हैं। मुझे खुशी है कि तृणमूल के अनुब्रत मंडल के खिलाफ जांच की जा रही है। लेकिन इसके साथ ही द्रुभा साहा के खिलाफ भी ईडी और सीबीआई की जांच होनी चाहिए क्योंकि उन्होंने भी भारी मात्रा में धन की उगाही की है।''
मालूम हो कि भाजपा में बीते एक महीने से आंतरिक कहल ज्यादा तेज हो गई है। कुछ हफ्ते पहले केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार को पार्टी समर्थकों ने जिला पार्टी कार्यालय में बंद कर दिया था और उन्हें बचाने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा था।
उस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए बंगाल भाजपा के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार के साथ जो घटना हुई वह बेहद 'दुर्भाग्यपूर्ण' है। हम मामले की जांच कर रहे हैं।
भट्टाचार्य ने कहा, "अगर किसी को कोई समस्या थी तो वे पत्र लिख सकते थे या केंद्रीय नेतृत्व से भी मिल सकते थे। लेकिन केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार को बंधक बनाने की घटना की उम्मीद नहीं की जा सकती है और यह कहने की जरूरत नहीं है कि ऐसी घटनाओं ने पार्टी की छवि खराब की है।"
भाजपा के आंतरिक कलह पर तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने कहा कि बीजेपी को 'अंदरूनी कलह' बंद करनी चाहिए ताकि वे आगामी चुनाव में तृणमूल से लड़ सकें।
सेन ने कहा, "बंगाल में सीपीएम और कांग्रेस पूरी तरह से साफ हो गई है। लेकिन अगर बीजेपी भी अंदरूनी कलह के कारण साफ हो गई तो फिर तृणमूल चुनाव में किसके खिलाफ लड़ेगी। बीजेपी बंगाल की राजनीति में धीरे-धीरे अपने आप हार रही है।"