लखनऊः आगामी लोकसभा चुनावों में यूपी की सभी 80 संसदीय सीटों पर जीत हासिल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश संगठन में बड़ा फेरबदल किया जाएगा. पार्टी संगठन में युवाओं को ज़िम्मेदारी देने के लिए अब पार्टी संगठन में दो कार्यकाल पूरा कर चुके जिलाध्यक्षों-महानगर अध्यक्षों और क्षेत्रीय अध्यक्षों को बदला जाएगा.
इसके चलते बीस से अधिक जिलाध्यक्षों को बदला जाएगा. बदले जाने वाले जिलाध्यक्षों की सूची तैयार कर ली गई है. दिल्ली में होने वाली बैठक में संगठन में बदलाव को लेकर मंथन होगा. इसके बाद यह सूची जारी कर दी जाएगी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी कहते हैं कि पार्टी संगठन में बदलाव प्रस्तावित है. गंभीरता से विचार विमर्श करने के बाद संगठन में फेरबदल करने की तैयार कर ली गई है.
अब लंबे वक्त से जिम्मेदारी संभाल रहे जिलाध्यक्ष, क्षेत्रीय अध्यक्ष बदले जाएंगे. जिन जिलाध्यक्ष और क्षेत्रीय अध्यक्ष को हटाया जाएगा, उन्हे उन्हें संगठन में अन्य पदों पर जिम्मेदारी दी जाएगी. संगठन में बदलाव करने के लिए जल्दी की केंद्रीय नेतृत्व के साथ बैठक होगी.
भाजपा नेताओं के अनुसार, भाजपा प्रदेश संगठन ने जो सूची तैयार की है, उसमें करीब 26 जिलाध्यक्ष ऐसे हैं, जो पांच साल से ज्यादा वक्त से इस पद पर कायम हैं. कुछ जिलाध्यक्ष तो आठ या दस साल से जिलाध्यक्ष या महानगर अध्यक्ष पद पर ही कायम हैं.
इसके अलावा क्षेत्रीय अध्यक्षों में काशी क्षेत्र के महेश श्रीवास्तव, कानपुर क्षेत्र के मानवेंद्र सिंह, बृज क्षेत्र के रजनीकांत माहेश्वरी भी दो कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. सूत्रों का कहना है कि इन सभी को नई जिम्मेदारी दी जा सकती है, पर मौजूदा पद से बदले जाने की तैयारी है. पार्टी नेताओं का यह भी कहना है कि जो जिलाध्यक्ष, क्षेत्रीय अध्यक्ष या पदाधिकारी एमएलसी, विधायक या मंत्री बन चुके हैं, उन्हें भी बदला जाएगा.
इनमें कानपुर देहात के जिलाध्यक्ष अविनाश चौहान, महोबा के जिला अध्यक्ष जितेंद्र सिंह सेंगर एमएलसी बन चुके हैं. वहीं गोरखपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह भी एमएलसी बन चुके हैं. प्रदेश पदाधिकारियों में महामंत्री जेपीएस राठौर, उपाध्यक्ष एके शर्मा और दयाशंकर सिंह, ओबीसी मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप सरकार में मंत्री बन चुके हैं.
इन्हें भी संगठन की जिम्मेदारी से मुक्त किया जाएगा. भाजपा के कई प्रदेश संगठन पदाधिकारी भी एमएलसी और विधायक हैं, उनके नाम भी संगठन से बाहर किए जा सकते हैं. पार्टी में चर्चा है कि संगठन में इस तरह के बदलाव के संकेत हाल ही में लखनऊ दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने दिए थे. उनके सुझाव पर ही यह प्रस्ताव तैयार किया गया है.