Lok Sabha Elections 2024: समाजवादी पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर उपजा 'असंतोष', कई नेता टिकट न मिलने से हैं निराश

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 19, 2024 08:49 AM2024-03-19T08:49:59+5:302024-03-19T08:54:02+5:30

लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की पांचवीं और नई सूची में तीन संसदीय क्षेत्रों में "बाहरी लोगों" को टिकट मिलने से पार्टी के नेता और कार्यकर्ता निराश बताए जा रहे हैं।

Lok Sabha Elections 2024: 'Dissatisfaction' has arisen in Samajwadi Party regarding ticket distribution, many leaders are disappointed over not getting tickets | Lok Sabha Elections 2024: समाजवादी पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर उपजा 'असंतोष', कई नेता टिकट न मिलने से हैं निराश

फाइल फोटो

Highlightsसमाजवादी पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर कार्यकर्ताओं और नेताओं में उपजा असंतोष सपा में नगीना, मेरठ और भदोही सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा से कई नेता निराश हैंसपा ने भदोही सीट को संभावित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के ललितेश त्रिपाठी के लिए छोड़ी है

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की पांचवीं और नई सूची में तीन संसदीय क्षेत्रों में "बाहरी लोगों" को टिकट मिलने से पार्टी के नेता और कार्यकर्ता निराश बताए जा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा नये प्रत्याशियों के नाम का ऐलान करने से पार्टी में भीरतखाने खलबली मची है। बताया जा रहा है कि पश्चिमी यूपी की नगीना, मेरठ और भदोही सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा से सपा के कई नेता निराश हैं।

समाचार वेबसाइट द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार बीते शुक्रवार को उम्मीदवार चयन के तीसरे दौर में पश्चिमी यूपी की कुछ सीटों पर घोषित पार्टी प्रत्याशियों के नाम को लेकर कार्यकर्ताओं और नेताओं में भारी असंतोष है। पार्टी ने मेरठ संसदीय सीट से अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह, बिजनौर जिले के नगीना लोकसभा सीट से बिजनौर के सेवानिवृत्त अतिरिक्त जिला न्यायाधीश मनोज कुमार को प्राथमिकता दी है, वहीं पार्टी ने भदोही सीट को संभावित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के ललितेश त्रिपाठी के लिए छोड़ दी है।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि मेरठ जिले के सरधना के मौजूदा विधायक अतुल प्रधान मेरठ सीट से टिकट के इच्छुक थे। बताया जा रहा है कि प्रधान पार्टी द्वारा टिकट नहीं देने की सूरत में अपनी पत्नी को मेरठ से चुनावी मैदान में उतारने के लिए तैयार थे। मेरठ से सीट बीजेपी 2014 से जीत रही है और राजेंद्र अग्रवाल यहां से दो बार सांसद रह चुके हैं। वहीं बसपा 2014 और 2019 में बसपा दूसरे नंबर पर रही।

पार्टी की ओर से प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद अतुल प्रधान ने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर किये पोस्ट में कहा, “मेरठ के लोगों ने मेरे लिए प्रार्थना की। मौका न मिलने के लिए मैं आपसे माफी चाहता हूं।"

मेरठ सीट पर अतुल प्रधान के अलावा नगीना लोकसभा क्षेत्र के लिए पार्टी द्वारा मनोज कुमार की उम्मीदवारी से भी पार्टी के कुछ नेताओं में नाराजगी है।

बताया जा रहा है कि मनोज कुमार पिछले दिनों ही सपा में शामिल हुए थे। यह अनुमान लगाया गया था कि समाजवादी पार्टी नगीना की सुरक्षित निर्वाचन सीट आज़ाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्र शेखर आज़ाद 'रावण' के लिए छोड़ देगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और इस कारण से चंद्रशेखर समर्थक भी सपा से नाराज बताए जा रहे हैं।

नगीने से पार्टी के मौजूद विधायक विधायक मनोज कुमार पारस भी अपनी पत्नी नीलम के लिए सीट से टिकट मांग रहे थे। गिरीश चंद्र 2019 में नगीना से सपा-बसपा के संयुक्त उम्मीदवार थे।

उत्तर प्रदेश में सपा के भीतर मचे घमासान के बीच बीते सोमवार को लालगंज सीट का प्रतिनिधित्व करने वाली बसपा सांसद संगीता आज़ाद ने पार्टी प्रमुख मायावती को गच्चा देते हुए सत्तारूढ़ दल के कई वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गईं।

दलित नेता संगीता आजाद को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और राज्य भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह ने भाजपा में शामिल कराया। पार्टी नेता तावड़े ने आजाद के शामिल होने के बाद कहा कि पार्टी उन्हें अपना योगदान देने का पूरा मौका देगी। 

Web Title: Lok Sabha Elections 2024: 'Dissatisfaction' has arisen in Samajwadi Party regarding ticket distribution, many leaders are disappointed over not getting tickets

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