नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीते रविवार को राजस्थान के बांसवाड़ा में की गई चुनावी रैली को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पीएम मोदी ने रैली में विपक्षी दल कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आयी तो वो वह घुसपैठियों को पैसे बांटेगी।
पीएम मोदी के इस बयान को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लिया है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में दिये अपने चुनावी भाषण में दावा किया कि अगर चुनाव बाद कांग्रेस केंद्र की सत्ता में आई तो वह लोगों की मेहनत की कमाई और सोने-चांदी जैसी कीमती चीजें 'घुसपैठियों' और 'जिनके अधिक बच्चे हैं', उन्हें दे देगी।
प्रधानमंत्री के इस चुनावी भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किये पोस्ट में लिखा, “मोदी ने आज मुसलमानों को 'घुसपैठिया' और 'कई बच्चों वाले लोग' कहा। साल 2002 से आज तक मोदी की एकमात्र गारंटी मुसलमानों को गाली देना और वोट प्राप्त करना रही है। अगर कोई देश की संपत्ति के बारे में बात कर रहा है, तो उसे पता होना चाहिए कि मोदी के शासन में भारत की संपत्ति पर पहला अधिकार उनके अमीर दोस्तों का हो गया है। 1 फीसदी भारतीयों के पास देश की 40 फीसदी संपत्ति है। आम हिंदुओं को मुसलमानों से डराया जाता है जबकि उनकी संपत्ति का इस्तेमाल दूसरों को अमीर बनाने के लिए किया जा रहा है।"
ओवैसी के अलावा पीएम मोदी के बयान की निंदा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि भारत के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री ने अपने पद की गरिमा को मोदी जितना कम नहीं किया है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा, "आज, मोदी जी के हताश भाषण से पता चला कि विपक्षी गठबंधन इंडिया पहला चरण जीत रहा है। मोदी जी ने जो कहा वह निश्चित रूप से एक नफरत भरा भाषण है, लेकिन यह ध्यान भटकाने की एक जानबूझकर की गई चाल भी है।"
इसके साथ खड़गे ने दावा किया कि आज प्रधानमंत्री ने वही किया है, जो उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्कार मिले हैं। कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "सत्ता के लिए झूठ बोलना, चीजों का गलत संदर्भ देना और विरोधियों पर झूठे आरोप लगाना संघ और भाजपा के प्रशिक्षण की खासियत है।"
उन्होंने कहा, "हमारा घोषणापत्र हर भारतीय के लिए है। यह सभी के लिए समानता की बात करता है। सभी के लिए न्याय की बात करता है। कांग्रेस का न्याय पत्र सत्य की नींव पर आधारित है, लेकिन ऐसा लगता है कि गोएबल्स जैसे तानाशाह की कुर्सी अब हिल रही है।"
पहले चरण के मतदान में 'निराशा' झेलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी भाषण देने पहुंचे और कहा, 'नरेंद्र मोदी के झूठ का स्तर इतना गिर गया है कि वह अब परेशान होकर लोगों को मुद्दों से भटकाना चाहते हैं'।
राहुल गांधी ने एक्स पर हिंदी में पोस्ट किया, "कांग्रेस के 'क्रांतिकारी घोषणापत्र' के लिए अपार समर्थन के रुझान सामने आने लगे हैं। देश अब अपने मुद्दों पर वोट करेगा, अपने रोजगार, अपने परिवार और अपने भविष्य के लिए वोट करेगा। भारत का ध्यान नहीं भटकाया जाएगा।"
वहीं तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने लोगों से “अपनी शक्ति का उपयोग करने” और भाषण के लिए प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग विपक्ष की अनदेखी करता है और मोदी और भाजपा को खुली छूट देता रहा है। चुनाव के दौरान चुनाव आयोग राजनीतिक दलों के प्रति जवाबदेह नहीं है। लेकिन वे भारत के लोगों के प्रति जवाबदेह हैं।''