लोकसभा चुनाव 2019: बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में क्यों झोंकी पूरी ताकत? जानिए पांच बड़ी बातें...

By आदित्य द्विवेदी | Published: May 16, 2019 04:05 PM2019-05-16T16:05:11+5:302019-05-16T16:05:11+5:30

उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन के सामने 2014 जैसा प्रदर्शन बीजेपी के लिए मुश्किल जान पड़ता है। नुकसान की भरपाई के लिए बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। पढ़िए ये विश्लेषण...

Lok Sabha Elections 2019: Why is the BJP fighting hard with full power in West Bengal? 5 points | लोकसभा चुनाव 2019: बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में क्यों झोंकी पूरी ताकत? जानिए पांच बड़ी बातें...

नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी (फाइल फोटो)

इस बार के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल चर्चा के केंद्र में बना हुआ है। चुनाव में विवादित बयानों और हिंसा के बीच भाजपा को एक उम्मीद दिखाई दे रही है। उम्मीद अपनी जमीन के विस्तार की। उम्मीद उत्तर प्रदेश में संभावित सीटों के नुकसान की भरपाई की। लोकसभा चुनाव की घोषणा के वक्त बीजेपी के पास सभी सीटों के लिए अच्छे उम्मीदवार तक नहीं थे। इसके बावजूद पार्टी ने अपनी पूरी मशीनरी झोंक दी और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को सीधी चुनौती पेश करने में सफलता हासिल की है। इन पांच बातों के जरिए जानें कि आखिर इस बार बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में अपनी पूरी ताकत क्यों झोंक दी?

1. यूपी के नुकसान की भरपाई

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने एकसाथ चुनाव लड़ने का फैसला किया। इससे प्रदेश में 2014 जैसी जीत दोहराना मुश्किल लग रहा है। उत्तर प्रदेश में संभावित सीटों के नुकसान की भरपाई पश्चिम बंगाल से होने की उम्मीद है। इसलिए बीजेपी ने अपनी पूरी मशीनरी बंगाल की तरफ मोड़ दी है।

2. ध्रुवीकरण की गुंजाइश

पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में हिंदू वोटर्स का ध्रुवीकरण करना बीजेपी को आसान लगता है। बंगाल में बीजेपी के चुनावी कैम्पेन पर गौर करें तो ममता से नाराज हिंदू वोटर को साधने की पूरी कवायद दिखती है। प्रधानमंत्री मोदी भी रैली की शुरुआत जय श्रीराम से करते हैं और अमित शाह भी जय श्रीराम ललकारते हुए रोड शो में शामिल होते हैं। विवादित बयान देने वाले योगी आदित्यनाथ और गिरिराज सिंह जैसे नेताओं की रैलियां भी इस एजेंडे की तरफ इशारा करती हैं।

3. संगठन नहीं, शक्ति के दम पर चुनाव

पश्चिम बंगाल में भाजपा का संगठन उतना मजबूत नहीं है, जितना ममता बनर्जी या वामपंथी पार्टियों का। लेकिन भाजपा शक्ति के दम पर चुनाव लड़ रही है। चुनाव के लिए तमाम संसाधनों की भरमार है। भाजपा कार्यकर्ताओं को जहां परेशान किया जाता है तो सीधा चुनाव आयोग से संपर्क होता है। यही कारण है कि चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा तबादले पश्चिम बंगाल में ही देखे गए हैं।

4. बंगाल तय कर सकता है प्रधानमंत्री

अमित शाह का दावा है कि बंगाल की 42 में से 23 लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी जीत दर्ज करेगी। ऐसे में नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने की संभावना प्रबल हो जाएगी। वहीं अगर टीएमसी भाजपा को रोकने में सफल हो जाती है तो देश को ममता बनर्जी के रूप में प्रधानमंत्री पद का एक सशक्त उम्मीदवार मिलेगा।

5. 2014 के उत्तर प्रदेश की तर्ज पर चुनाव

2014 चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में भाजपा चौथे स्थान पर थी। लेकिन संगठन और शक्ति के दम पर पार्टी ने ऐसा माहौल बनाया जिससे लगा कि मुख्य टक्कर बीजेपी के साथ ही है। यही पैटर्न 2019 के चुनाव में पश्चिम बंगाल में अपनाया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की है जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि टीएमसी को बीजेपी की कड़ी टक्कर मिल रही है।

2019 लोकसभा चुनाव संभवतः ममता बनर्जी के राजनीतिक करियर के सबसे कठिन चुनावों में से एक साबित हुए हैं। हालांकि ग्रामीण बंगाल में उनकी पकड़ अभी भी बेहद मजबूत है, मुस्लिम मतदाता चट्टान की तरह उनके साथ है इसके बावजूद बीजेपी की चुनौती बड़ी और प्रत्यक्ष है। ममता बनर्जी को इस बात का एहसास है इसलिए उन्होंने भी अपनी एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है।

Web Title: Lok Sabha Elections 2019: Why is the BJP fighting hard with full power in West Bengal? 5 points



Get the latest Election News, Key Candidates, Key Constituencies live updates and Election Schedule for Lok Sabha Elections 2019 on www.lokmatnews.in/elections/lok-sabha-elections. Keep yourself updated with updates on West Bengal Loksabha Elections 2019, phases, constituencies, candidates on www.lokmatnews.in/elections/lok-sabha-elections/west-bengal.