ठळक मुद्देज्यादातर एग्जिट पोल के रुझान फिर से भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनने की ओर इशारा करते नजर आए.कांग्रेस एग्जिट पोल के रुझानों से थोड़ी मयूस नजर आई. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि इस चुनाव में लोग खुलकर नहीं बोल रहे थे.
लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के मतदान के बाद रविवार की शाम आए ज्यादातर एग्जिट पोल के रुझान फिर से भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनने की ओर इशारा करते नजर आए. इससे भाजपा नेता खासे उत्साहित थे. पार्टी ने कहा कि इन रुझानों से साफ है कि एक बार फिर नरेंद्र मोदी देश को प्रधानमंत्री के रुप में मिल रहे हैं. वहीं विपक्षी दल ज्यादातर एग्जिट पोलों के रुझानों से सहमत नजर नहीं आए.
पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने एग्जिट पोल के बहाने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा एग्जिट पोल राहुग गांधी का वह बयान है जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग की आलोचना शुरू कर दी. हम पहले दिन से कह रहे थे कि ये मोदी जी को गाली देते देते चुनाव आयोग को गाली देने लगेंगे. मीडिया सेल के ही केके शर्मा ने कहा कि असल नतीजे तो 23 मई को आएंगे लेकिन ज्यादातर एग्जिट पोल के जो रुझान हैं ये देश का मूड दिखाते हैं कि देश की जनता मोदी जी फिर से प्रधानमंत्री के रूप में फिर से देखना चाहती है. इस बार मोदी के नेतृत्व में भाजपा 2014 से बेहतर प्रदर्शन करेगी.
पार्टी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि चुनाव का मतलब विकल्पों के बीच से बेहतर विकल्प चुनना होता है. लेकिन इस बार एक विकल्प नरेंद्र मोदी थे और दूसरे विकल्प के तौर पर था सिर्फ कन्फ्यूजन. इसलिए लोगों ने चुनाव विकल्प का किया. उत्तरप्रदेश की योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पहले ही 50 प्रतिशत से अधिक की तैयारी करके उतरे थे. ये रुझान उसीके परिणाम हैं. हमें इससे भी बेहतर नतीजों की उम्मीद है. महाराष्ट्र में तो हम 43 से 44 सीटें भी जीत सकते हैं और उत्तरप्रदेश में 73 से 74 पर भी जा सकते हैं.
कांग्रेसवही कांग्रेस एग्जिट पोल के रुझानों से थोड़ी मयूस नजर आई. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि इस चुनाव में लोग खुलकर नहीं बोल रहे थे. हालांकि भाजपा के समर्थक खुलकर बोलते हैं कि उन्होंने भाजपा को वोट दिया. लेकिन अगर मतदाता चुप है तो लगता नहीं कि नतीजे एग्जिट पोल की तरह होंगे. दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश जैसे प्रदेशों के बारे में एग्जिट पोल में जो नतीजे दिखाए जा रहे हैं वो संभव ही नहीं हैं. ये रुझान हकीकत से बहुत ज्यादा परे हैं. असल नतीजों में तीन चार दिन का समय बाकी है तब तक सबका मनोरंजन होना चाहिए.
आम आदमी पार्टीभले ही चुनाव के नतीजे आना अभी बाकी है लेकिन आम आदमी पार्टी ने एग्जिट पोल के रुझानों के बाद ही कांग्रेस पर ठीकरा फोड़ना शुरू कर दिया है. आप नेता और दिल्ली में चुनाव लड़ने वाले राघव चढ्ढा का कहना है कि 2014 में जब मोदी के नाम की सुनामी थी तब भी मोदी को 31 प्रतिशत वोट मिला था 69 प्रतिशत लोगों उनके खिलाफ वोट दिया. इस बार अगर सारे गैर भाजपा दल मिल जाते जैसा इमरजेंसी के बाद हुआ तो गैर भजपा वोट नहीं बंटता. हमने भी इसके लिए बड़ी कोशिश की लेकिन कांग्रेस पार्टी का अपना अड़ियल रवैया रहा कि सब साथ नहीं आ पाए.
बसपादलित चिंतन और बसपा समर्थक सतीश प्रकाश ने कहा कि 2014 में जो नैरेटिस भाजपा ने सेट किया गया देश उससे बाहर नहीं निकला है. चाहे सरकार भाजपा की आए या गैर भाजपा की बने लेकिन इस बार जनता फिर ऐसी गलती नहीं करने वाली है. जो रुझान दिखाए जा रहे हैं उनमें भाजपा को आगे दिखाने की होड़ लगी है. राजस्थान में उसे आगे दिखाने के लिए सत्ता विरोधी लहर की बात की जाती है लेकिन उत्तरप्रदेश में उसे नजरअंदाज कर दिया जाता है.