लोकसभा चुनाव: हिंसा की छिटपुट घटनाओं, ईवीएम में गड़बड़ी के बीच दूसरे चरण के मतदान ने पकड़ा जोर
By भाषा | Published: April 18, 2019 04:08 PM2019-04-18T16:08:07+5:302019-04-18T16:26:43+5:30
लोकसभा चुनाव 2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने क्षेत्र में अपने-अपने जनाधार को अपने पक्ष में करने के लिये रैलियां की हैं लेकिन प्रतापगढ़ी पहले अपनी क्षमताओं को परखने की कोशिश कर रहे हैं।
महज 32 साल के यूट्यूब स्टार ,शायर तथा कांग्रेस उम्मीदवार इमरान प्रतापगढ़ी का अंदाज अन्य उम्मीदवारों से कुछ हटकर है। इमरान प्रतापगढ़ी की खूबी है कि वह विवेकपूर्ण मतदान, धर्मनिरपेक्षता और महिलाओं के मुद्दों पर अपने संदेश को शायरी में पिरोकर पेश करते हैं। युवा नेता की शायरी हमेशा से राजनीति से जुड़ी रही है लेकिन वह मुख्यधारा की राजनीति में उस वक्त शामिल हुए जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की पसंद बने और उन्हें इस संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव के लिये चुनाव मैदान में उतारा गया।
प्रतापगढ़ी ने अपने नाम में यह शब्द अपने प्रतापगढ़ का निवासी होने के चलते जोड़ा है, जो यहां से करीब 500 किलोमीटर की दूरी पर है लेकिन अपना राजनीतिक अभियान मशहूर शायर जिगर मुरादाबादी के निवास मुरादाबाद से शुरू करने का फैसला किया है।
प्रतापगढ़ी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘वोट नहीं बंटे इसके लिये मैं पूरी कोशिश कर रहा हूं। यह मुस्लिमों के बारे में नहीं है। मैं हर उस शख्स से अपील करता हूं जो भाजपा की राजनीति और नीतियों से परेशान है।’’ राजनीति में नए नए आए प्रतापगढ़ी मुरादाबाद से भाजपा सांसद कुंवर सर्वेश कुमार के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं। कुंवर सर्वेश कुमार एक प्रभावशाली ठाकुर नेता हैं और पांच बार इस क्षेत्र से विधायक चुने जा चुके हैं ।
उनका सामना सपा-बसपा-रालोद के उम्मीदवार पूर्व महापौर एस. टी. हसन से भी है जिनका यहां जबरदस्त समर्थक आधार है और जो 2014 की ‘मोदी लहर’ में भी तीन लाख मत जुटाने में सफल रहे थे। इस चुनावी परिदृश्य में भी प्रतापगढ़ी को 23 अप्रैल को होने वाले चुनाव में अपनी जीत का भरोसा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने क्षेत्र में अपने-अपने जनाधार को अपने पक्ष में करने के लिये रैलियां की हैं लेकिन प्रतापगढ़ी पहले अपनी क्षमताओं को परखने की कोशिश कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि भाजपा और ‘गठबंधन’ नेताओं की तरह कांग्रेस के शीर्ष नेता उनके समर्थन में चुनाव प्रचार के लिये मुरादाबाद या इसके आस-पास क्यों नहीं आये, उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उन्हें चुनाव प्रचार के आखिरी वक्त में आने का अनुरोध किया है। तब तक मैं ही अपने दम पर अपनी क्षमताओं को परखने और इस चुनौती का सामना करने की कोशिश कर रहा हूं।’’ उन्होंने कहा कि प्रशासन मेरी बढ़ती लोकप्रियता से खौफ में है और उन्होंने मेरी तीन सभाओं को बाधित किया है।