लोकसभा चुनावः क्या पीएम मोदी राष्ट्रवाद और राहुल गांधी रोजीरोटी के मुद्दों पर वोटरों को साध पाएंगे?
By प्रदीप द्विवेदी | Updated: May 3, 2019 06:57 IST2019-05-03T06:51:13+5:302019-05-03T06:57:24+5:30
Lok Sabha Elections 2019: राहुल गांधी जहां बढ़ती जा रही बेरोजगारी के आधार पर पीएम मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं, वहीं नए रोजगार के वादों के माध्यम से युवाओं से जुड़ने की कोशिश भी कर रहे हैं.

Lok Sabha Elections 2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की फाइल फोटो।
Lok Sabha Elections 2019: राजस्थान की चुनावी जंग में एक बार फिर पीएम मोदी और राहुल गांधी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. इस चुनाव में जहां पीएम मोदी राष्ट्रवाद, तो राहुल गांधी रोटीवाद के भरोसे हैं. जनता दोनों की बातें ध्यान से सुन रही है और 23 मई के नतीजों में ही यह स्पष्ट होगा कि लोगों को कौनसा मुद्दा ज्यादा प्रभावित कर पाया.
जयपुर की सभा में पीएम मोदी ने संबोधित करते हुए पाकिस्तान, आतंकवाद, भारत की अंतरिक्ष शक्ति, वैश्विक कुटनीति में भारत की सफलता, मसूद अजहर को अन्तरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने पर देश-दुनिया का आभार, पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ उठने वाली आवाजें आदि का जिक्र किया, तो हमेशा की तरह पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर भी जमकर हमले किए.
यही नहीं, उन्होंने एक बार फिर सीएम अशोक गहलोत पर व्यक्तिगत निशाना साधते हुए कहा कि- उनके भरोसे कांग्रेस को जीत नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि- मैंने राजस्थान का मिजाज पिछली बार आया था, तब देख लिया था. कांग्रेस का बचना मुश्किल है.
उधर, राहुल गांधी रोजी-रोटी और काम-धंधे के मुद्दों पर पीएम मोदी सरकार को घेर रहे हैं. नोटबंदी और जीएसटी के कारण अस्त-व्यस्त हुई अर्थव्यवस्था को न्याय योजना से ठीक करने का दावा है, तो किसानों को जोड़ने के लिए किसान कर्जमाफी के उदाहरण हैं.
राहुल गांधी जहां बढ़ती जा रही बेरोजगारी के आधार पर पीएम मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं, वहीं नए रोजगार के वादों के माध्यम से युवाओं से जुड़ने की कोशिश भी कर रहे हैं.
राहुल गांधी का सबसे ज्यादा जोर गरीबों के लिए योजना पर है. पिछले चुनाव में 15 लाख रुपए बैंक खातों में डालने के भाजपाई वादे पर तो वे सवाल खड़े कर ही रहे हैं, अपनी सरकार बनने पर गरीबों को सालाना 72 हजार रुपए देने का भरोसा भी दिला रहे हैं.
देखना मजेदार होगा कि पीएम मोदी का राष्ट्रवाद, तो राहुल गांधी का रोजी-रोटीवाद अगले चरण के मतदान में कितना असर डाल पाता है.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में अगले चरण का मतदान 6 मई 2019 को है, जिसमें 25 में से शेष बची 12 लोस सीटों के लिए मतदान होगा.