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कटिहार लोकसभा सीट: तारिक अनवर को जदयू देगी टक्कर, बीजेपी को लगातार 3 बार जिताने वाले नेता का टिकट काटना पड़ सकता है भारी

By भाषा | Updated: April 16, 2019 17:16 IST

बिहार की कटिहार लोकसभा सीट पर निखिल कुमार चौधरी ने लगातार तीन बार (1999, 2004 और 2009) लोकसभा चुनाव जीता था। साल 2014 में नरेंद्र मोदी की लहर होने के बावजूद एनसीपी उम्मीदवार तारिक अनवर ने चौधरी को हराकर यह सीट जीती थी। तारिक अनवर लोकसभा चुनाव 2019 में कटिहार से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं, वहीं एनडीए की तरफ से इस बार इस सीट से जदयू उम्मीदवार तारिक अनवर के खिलाफ है।

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ठळक मुद्देबिहार की कटिहार लोकसभा सीट के लिए 18 अप्रैल को मतदान होना है।कांग्रेस उम्मीदवार तारिक अनवर इस सीट से अब तक कुल पाँच बार सांसद चुने जा चुके हैं।1999, 2004 और 2009 में बीजेपी के निखिल कुमार चौधरी ने कटिहार से चुनाव जीता था लेकिन 2019 में यह सीट जदयू के खाते में चली गयी है।

कटिहार लोकसभा सीट पिछले 22 वर्षो में दो दिग्गज नेताओं तारिक अनवर और निखिल चौधरी के बीच मुकाबले की गवाह रही है जहां 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद भाजपा नाकाम रही थी।

पिछली बार राकांपा के टिकट पर जीत दर्ज करने वाले तारिक अनवर इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार हैं और उनके सामने भाजपा के निखिल चौधरी की बजाय इस बार जदयू के दुलालचंद गोस्वामी हैं।

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कटिहार सीट से राकांपा के तारिक अनवर पांचवीं बार जीत दर्ज करने में कामयाब रहे थे और भाजपा के टिकट पर लगातार तीन बार सांसद चुने गए निखिल कुमार चौधरी चुनाव हार गए थे।

राजग घटक दलों में सीटों के बंटवारे के तहत इस बार कटिहार सीट जदयू के खाते में गई है जो भाजपा की मजबूत सीट रही है । वहीं, टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा एमएलसी अशोक अग्रवाल ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल करने के बाद भाजपा के प्रदेश नेतृत्व द्वारा समझाने पर नाम वापस ले लिया था।

कटिहार में दूसरे चरण के तहत 18 अप्रैल को मतदान होना है । इस बार तारिक अनवर और दुलालचंद गोस्वामी के साथ राकांपा के मोहम्मद शकूर मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं।

कटिहार लोकसभा सीट को तारिक अनवर का गढ़ माना जाता है और यहां से वह पांच बार सांसद रह चुके हैं। हालांकि राकांपा ने भी यहां से अपने उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा है। ऐसे में जदयू उम्मीदवार के सामने तारिक अनवर के लिए भी राह आसान नहीं है। शकूर, तारिक के पुराने सहयोगी रहे हैं।

कटिहार लोकसभा सीट पर तारिक अनवर का दावा

तारिक अनवर ने जीत का दावा करते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार के तहत बेरोज़गारों को रोज़गार मुमकिन नहीं, महिला सुरक्षा मुमकिन नहीं, किसान की दोगुनी आय मुमकिन नहीं, हर खाते में 15 लाख रूपये मुमकिन नहीं।

अनवर ने ‘भाषा’ से कहा कि राफ़ेल मामले में सचाई सामने आ रही है और राष्ट्रीय सुरक्षा के दावे खोखले हैं। जनता सब समझती है और चुनाव में जरूरी जवाब देगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा कि पूरी राजग एक इकाई के रूप में काम कर रही है। हमारे साथ नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का काम है, प्रदेश में राजग सरकार का काम भी लोगों के सामने है। उन्होंने कहा कि हम अपने काम और नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व को लेकर जनता के सामने जा रहे हैं और जनता निश्चित तौर पर जनादेश देगी और विपक्ष के नकारात्मक दुष्प्रचार को खारिज करेगी ।

बिहार का कटिहार जिला पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित है। पहले यह पूर्णिया जिले का हिस्सा था। कटिहार लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं की संख्या 16,45,713 है जिसमें 8,71,731 पुरूष तथा 7 लाख 97 हजार महिलाएं हैं। कटिहार संसदीय सीट में 7 विधानसभा सीट कटिहार, मनिहारी, बलरामपुर, प्राणपुर, कदवा, बरारी, कोढ़ा है। इसमें से भाजपा के पास 2, कांग्रेस के पास 3 जबकि 1-1 राजद और भाकपा (माले) के पास है।

1967 में कांग्रेस के टिकट पर यहां से सीताराम केसरी चुनाव जीते थे । 1977 में यहां से जनता पार्टी उम्मीदवार को जीत हासिल हुई थी । साल 1957 में यहां पहली बार आम चुनाव हुए थे, जिसे कि कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह ने जीता था और उन्हें यहां के पहले सांसद होने का गौरव हासिल हुआ था।

1962 के चुनाव में यहां से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी की नेता प्रिया गुप्ता सांसद बनीं, जो यहां की पहली महिला सांसद थीं। 1967 में यहां से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कद्दावर नेता सीताराम केसरी ने जीत दर्ज की, साल 1977 के चुनाव में यहां पर जनता पार्टी जीती तो वहीं 1980 में यहां से कांग्रेस के तारिक अनवर सांसद बने। वह लगातार दो बार इस सीट पर जीते लेकिन 1989 के चुनाव में जनता दल के नेता युवराज ने उनकी जीत की हैट्रिक को पूरा नहीं होने दिया।

1991 में भी यहां जनता दल का ही राज रहा लेकिन 1996 में यहां कांग्रेस की वापसी हुई और तारिक अनवर सांसद बने, साल 1998 में भी उनका ही जलवा यहां कायम रहा।

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