साल 2014 में बीजेपी के लिए बेस्ट प्रदर्शन करने के बावजूद नरेंद्र मोदी को रिकॉर्ड बुक में नंबर 3 से करना पड़ा था संतोष

By रंगनाथ सिंह | Published: April 2, 2019 07:08 PM2019-04-02T19:08:17+5:302019-05-15T18:04:11+5:30

लोकसभा चुनाव 2019: इस साल वाराणसी संसदीय सीट पर 19 मई को मतदान होगा। नतीजे 23 मई को आएंगे। आइए एक नजर डालते हैं, लोकसभा चुनाव 2014 के आंकड़ों पर। देखते हैं नरेंद्र मोदी ने इस सीट पर बीजेपी को रिकॉर्ड जीत तो दिलायी लेकिन रिकॉर्ड बुक में उन्हें मायूसी का शिकार होना पड़ा था।

lok sabha elections 2019 history of Varanasi Lok Sabha constituency bjp narendra modi and congress | साल 2014 में बीजेपी के लिए बेस्ट प्रदर्शन करने के बावजूद नरेंद्र मोदी को रिकॉर्ड बुक में नंबर 3 से करना पड़ा था संतोष

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को मिला वोट आंकड़े और प्रतिशत दोनों के लिहाज से भारतीय जनता पार्टी का इस सीट पर सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन रहा था. 

Highlightsबीजेपी के प्रत्याशी श्रीश चंद्र दीक्षित ने 1991 के आम चुनाव में पार्टी को पहली बार वाराणसी संसदीय सीट पर जीत दिलायी।साल 2004 में कांग्रेस नेता राजेश मिश्रा ने बीजेपी के हाथों से वाराणसी सीट छीन ली थी।साल 2014 में आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी को चुनौती दी थी।

लोकसभा चुनाव 2019 के छह चरणों का मतदान हो चुका है। सातवें और आखिरी चरण का मतदान 19 मई को होना है। आखिरी चरण में जिन प्रमुख सीटों पर मतदान होना है उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट वाराणसी भी शामिल है।

पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल को तीन लाख 75  हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था। केजरीवाल को कुल दो लाख नौ हजार 238 वोट मिले थे। 

आइए आपको वाराणसी लोकसभा सीट पर भाजपा और नरेंद्र मोदी के प्रदर्शन का इतिहास बताते हैं। 

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का जन्म 1980 में हुआ था। बीजेपी के प्रत्याशी श्रीश चंद्र दीक्षित ने 1991 के आम चुनाव में पार्टी को पहली बार वाराणसी संसदीय सीट पर जीत दिलायी। मंडल-कमंडल की राजनीति के दौर में बीजेपी ने 1991 के बाद 1996, 1998 और 1999 के लोकसभा चुनाव में भी वाराणसी की सीट पर जीत हासिल की।

साल 2004 में कांग्रेस नेता राजेश मिश्रा ने बीजेपी के हाथों से वाराणसी सीट छीन ली लेकिन साल 2009 में बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी ने वाराणसी सीट से जीत हासिल की। साल 2014 में बीजेपी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को वाराणसी से पार्टी का प्रत्याशी बनाया और उन्होंने भारी अंतर से जीत हासिल की।

जब नरेंद्र मोदी रह गए नंबर 3 

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को मिले वोटआंकड़े और प्रतिशत दोनों के लिहाज से भारतीय जनता पार्टी का इस सीट पर सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन रहा था. अब तक हुए 16 चुनावों के विजयी प्रत्याशियों पर नज़र डालें तो बनारस की जनता के बीचस्वीकार्यता के नज़रिए से नरेंद्र मोदी पहले या दूसरे स्थान पर नहीं, बल्कितीसरे स्थान तक ही पहुँच सके थे.

2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसीलोकसभा सीट पर कुल 10,30,685 मतदाताओं ने वोट दिया, जिसमें नरेंद्र मोदी कोकुल 5,81,022 वोट यानी 56.37 प्रतिशत वोट मिले. 

वाराणसी लोकसभा सीट के लिए कुल 16 लोकसभाचुनावों में से कुल हुए मतों का सर्वाधिक मत पाने का रिकॉर्ड भारतीय लोकदल के नेता चंद्र शेखर केनाम है. तत्कालीन वाराणसी (वर्तमान चंदौली ज़िले) के रहने वाले चंद्रशेखर को 1977 के लोकसभा चुनावों में कुल मतों का 66.22 प्रतिशत प्राप्तहुआ था. 

वाराणसी से सर्वाधिक मत पाने वाले प्रत्याशी

चुनाव वर्ष

प्रत्याशी

किसे हराया

विजयी प्रत्याशी को प्राप्त वोट प्रतिशत

1977

चंद्र शेखर (भारतीय लोकदल)

राजा राम (कांग्रेस)

66.22%

1989

अनिल शास्त्री (जनता दल)

श्याम लाल यादव(कांग्रेस)

62.31%

2014

नरेंद्र मोदी(भाजपा)

अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी)

56.37%

वाराणसीसे सर्वाधिक मत प्रतिशत पाने के मामले में दूसरे स्थान पर भारत के पूर्वप्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के बेटे अनिल शास्त्री रहे हैं.

अनिलशास्त्री जनता दल के टिकट 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में बनारस से चुनावलड़े थे. अनिल को कुल 2,68,196 वोट मिले थे, लेकिन उस साल वोट देने वाले कुलमतदाताओं में से 62.31 प्रतिशत ने अनिल शास्त्री को वोट दिया था.

नरेंद्रमोदी केवल वोट देने वाले मतदाताओं की पसंद के मामले में तीसरे नंबर परनहीं रहे बल्कि अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से वोट प्रतिशत के अंतर के मामलेमें भी वो तीसरे नंबर पर ही रह गए थे.

इस मामले में भी उनसे आगेचंद्र शेखर और अनिल शास्त्री ही हैं. मोदी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वीअरविंद केजरीवाल को उतने बड़े वोट प्रतिशत के अंतर से नहीं हरा सके कि वोचंद्र शेखर और अनिल शास्त्री से आगे निकल सकें.

वाराणसी से निकटतम प्रतिद्वंद्वी से जीत का अंतर (प्रतिशत में)

चुनाव वर्ष

विजयी प्रत्याशी (वोट प्रतिशत)

निकटतम प्रतिद्वंद्वी (वोट प्रतिशत)

अंतर(प्रतिशत में)

1977

चंद्र शेखर(66.22%)

राजा राम(17.42)

48.80%

1989

अनिल शास्त्री(62.31%)

श्याम लाल यादव(22.44%)

39.87%

2014

नरेंद्र मोदी(56.37%)

अरविंद केजरीवाल(20.30)

36.07%

वाराणसीलोकसभा से अब सबसे अधिक सात बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है, लेकिन सबसेबुरी तरह हारने के मामले में भी कांग्रेस का ही रिकॉर्ड है. चंद्र शेखर औरअनिल शास्त्री दोनों ने ही कांग्रेस प्रत्याशियों को ही हराया था. वहीं,वाराणसी से सर्वाधिक वोट प्रतिशत से जीतने वाली तीनों पार्टियाँ ग़ैरकांग्रेसी ही रही हैं.

वाराणसी से भाजपा छह बार, जनता दल, भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) और भारतीय लोकदल ने एक बार जीत हासिल की है.

वाराणसीसे पहले तीन आम चुनावों में जीत हासिल करने वाली कांग्रेस को पहली बार 1967 में हुए चौथे आम चुनाव में हार का मुँह देखना पड़ा. 1967 में माकपा (भारत की कम्यनूनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी) के सत्य नारायण सिंह ने कांग्रेसके रघुनाथ सिंह को हराया था. 

वाराणसी लोकसभा 2014 का परिणाम(शीर्ष पाँच प्रत्याशी)

प्रत्याशी

दल

मत

प्रतिशत

नरेंद्र मोदी

भाजपा

5,81,022

56.3

अरविंद केजरीवाल

आम आदमी पार्टी

2,09,238

20.30

अजय राय

कांग्रेस

75,614

7.34

विजय प्रकाश जायसवाल

बहुजन समाज पार्टी

60,579

5.88

कैलाश चौरसिया

समाजवादी पार्टी

45,291

4.39

भारतीयजनता पार्टी के संदर्भ में देखें तो वाराणसी में जन संघ को 1962 में हुएतीसरे लोकसभा चुनाव में ही दूसरा स्थान हासिल हुआ था. जन संघ ही तमाममोड़ों से गुजरते हुए भारतीय जनता पार्टी के रूप में सामने आया था. लेकिन 1962 में दूसरे स्थान पर रहने के बावजूद भाजपा को बनारस से जीतने के लिएतक़रीबन 30 साल का इंतज़ार करना पड़ा.

उसे यहाँ से पहली बार 1991 मेंजीत मिली. 1991 का ही आम चुनाव वो पहला आम चुनाव था जब कांग्रेसपहले-दूसरे पर न रहकर तीसरे स्थान पर फिसल गई थी. 1991 से 2014 के बीच हुएसात लोकसभा चुनावों में कांग्रेस केवल एक बार वाराणसी से जीत हासिल कर पाईहै जबकि भाजपा ने सात में छह बार जीत हासिल की है.

ग़ौरतलब है कि 1977 में ही उत्तर प्रदेश से एक दूसरे चंद्र शेखर ने भी लोकसभा चुनाव जीताथा और बलिया लोकसभा से जीतने वाले चंद्र शेखर भारत के आठवें प्रधानमंत्रीबने थे.

वहीं, वाराणसी से अब तक सबसे अधिक वोट प्रतिशत पाने वालेचंद्र शेखर ने बनारस का सांसद बनने से पहले 1967 के उत्तर प्रदेश केविधानसभा चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर 1971 से 1973 तकयूपी के मुख्यमंत्री रहे कमलापति त्रिपाठी को चंदौली विधानसभा चुनाव हरायाथा.

खैरक ये आंकड़े तो साल 2014 के लोकसभा चुनाव के थे। नरेंद्र मोदी के प्रशंसकों को इस साल के चुनाव के नतीजों का बेसब्री से इंतजार रहेगा कि शायद इस साल पीएम मोदी वाराणसी सीट के जीत के मामले में रिकॉर्ड बुक में अपना प्रदर्शन बेहतर कर पाएं। 

(सभी आंकड़ों का स्रोत: भारत निर्वाचन आयोग)

English summary :
Lok Sabha Elections 2019: BJP has announced PM Narendra Modi from Varanasi Lok Sabha Seat as his candidate once again for the upcoming Lok Sabha Chuanv 2019. Against PM Modi, the SP-BSP-RLD alliance has not declared the candidate yet, neither the Congress has revealed anything regarding it's candidate from Varanasi Lok Sabha Constituency.


Web Title: lok sabha elections 2019 history of Varanasi Lok Sabha constituency bjp narendra modi and congress



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