लोक सभा चुनाव 2019: उत्तर प्रदेश और बिहार में सात चरणोंं में चुनाव, मोदी के वाराणसी सीट पर भी अंत में मतदान

By संतोष ठाकुर | Published: March 11, 2019 07:22 AM2019-03-11T07:22:12+5:302019-03-11T07:29:42+5:30

भाजपा को उप्र के लिए घोषित चुनाव प्रक्रिया से खासा लाभ होता दिख रहा है। इसकी वजह यह है कि पहले चरण में जिन आठ सीटों में मतदान होना है, वहां का इतिहास रहा है कि यहां पर  धार्मिक और राष्ट्रवाद के आधार पर मतदान होता रहा है।

Lok Sabha Elections 2019: election dates in Uttar Pradesh and Bihar, Modi finally voted in Varanasi | लोक सभा चुनाव 2019: उत्तर प्रदेश और बिहार में सात चरणोंं में चुनाव, मोदी के वाराणसी सीट पर भी अंत में मतदान

लोक सभा चुनाव 2019: उत्तर प्रदेश और बिहार में सात चरणोंं में चुनाव, मोदी के वाराणसी सीट पर भी अंत में मतदान

Highlightsउप्र में जहां 80 तो वहीं बिहार में 40 लोकसभा सीट हैं।सबसे रोचक यह है कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सातवें या अंतिम चरण में मतदान होगा।

इसे संयोग कहे या फिर भाजपा की किस्मत, सरकार की चाबी देने वाले उत्तर प्रदेश और बिहार में सात चरणोंं में चुनाव होंगे। ऐसे में भाजपा के पास अपने स्टार प्रचारकों के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व का लाभ लेने के लिए काफी लंबा वक्त मिलने वाला है। फिलहाल तक यह ट्रेंड रहा है कि जहां भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली हुई है, वहां पर भाजपा को दो से तीन प्रतिशत वोटों का लाभ हुआ है।

ऐसे में उप्र और बिहार के इस लंबे चुनाव प्रक्रिया से भाजपा को लाभ मिलने की उम्मीद है। उप्र में जहां 80 तो वहीं बिहार में 40 लोकसभा सीट हैं। इन राज्यों के साथ ही पश्चिम बंगाल भी उन राज्यों में शामिल है, जहां पर तीन चरणों में चुनाव होने हैं। यहां पर लोकसभा की 42 सीट हैं। भाजपा को जिन तटीय राज्यों से अपनी सीट बढ़ने का अनुमान है, उसमें यह राज्य भी शामिल है। ऐसे में लंबे चुनाव प्रक्रिया से यहां पर भी भाजपा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहारे लाभ हो सकता है। 

भाजपा को उप्र के लिए घोषित चुनाव प्रक्रिया से खासा लाभ होता दिख रहा है। इसकी वजह यह है कि पहले चरण में जिन आठ सीटों में मतदान होना है, वहां का इतिहास रहा है कि यहां पर  धार्मिक और राष्ट्रवाद के आधार पर मतदान होता रहा है। इन सीटोंं में सहारनपुर, कैराना, मुज्जफरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर शामिल है।

ऐसे में यहां पर पहले चरण में मतदान से भाजपा को इसलिए लाभ होने का आकलन किया जा रहा है क्योंकि लोगों की स्मृति में फिलहाल सर्जिकल स्ट्राइक का याद ताजा है। भाजपा को उम्मीद है कि यहां पर उसे इसके सहारे ध्रुवीकरण में लाभ होगा। इसी तरह से दूसरे चरण में भी जिन सीटों को चुना गया है वहां पर भी कमोबश यही स्थिति है।

इन सीटोंं में अमरोहा, नगीना, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा और फतेहपुर सीकरी शामिल है। इसमें से हाथरस और मथुरा ऐसी सीट हैं जहां पर 1999 से कभी भी बसपा या सपा नहीं जीती है। इसके बाद के चरणो में शामिल सीटों में से कुछ ऐसी हैं जहां पर भाजपा पिछला चुनाव भले जीत गई हो लेकिन इस बार सपा—बसपा के गठबंधन से उसे मुश्किल हो सकती है। ऐसे में यहां पर प्रचार के लिए मिलने वाले वक्त से भाजपा को लाभ हो सकता है। 

सबसे रोचक यह है कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सातवें या अंतिम चरण में मतदान होगा। इसी तरह से गोरखपुर में भी अंतिम चरण में मतदान है। यह उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संसदीय क्षेत्र रहा है। पिछले उपचुनाव में भाजपा यहां हार गई थी। उसे भाजपा की आतंरिक राजनीति के तौर पर भी देखा गया था। यह चर्चा है कि चौंकाने वाले मामले के तौर पर कांग्रेस किसी कददावर नेता को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ उतार सकती है।

जिससे उन्हें वाराणसी में घेरने में मदद मिल पाए।  लेकिन अब जब यहां पर अंतिम चरण में मतदान हो रहा है तो विपक्ष की यह रणनीति पूरी तरह से फैल होती दिख रही है । इसकी वजह यह है जब चुनाव अंतिम चरण में होगा तो भाजपा और स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास पर्याप्त समय होगा जिससे वह अपने विरोधियोंं के सवालों का जवाब देने के साथ ही उनके खिलाफ आक्रमक रूख अख्तियार करते हुए अपना पूरा समय अपने संसदीय क्षेत्र को दे पाएं।

Web Title: Lok Sabha Elections 2019: election dates in Uttar Pradesh and Bihar, Modi finally voted in Varanasi