लोकसभा चुनाव 2019: क्या सियासत की भी यही रीत है-हार के बाद भी जीत है?

By प्रदीप द्विवेदी | Updated: March 30, 2019 20:54 IST2019-03-30T15:29:50+5:302019-03-30T20:54:20+5:30

विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी से कांग्रेस में आए और पार्टी के निर्देश पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ चुनाव लड़े मानवेन्द्र सिंह को बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र से टिकट देना तो ठीक है, लेकिन शेष उम्मीदवारों को टिकट देना पार्टी की मजबूरी रही या रणनीति का हिस्सा, इसकी खासी चर्चा है.

Lok Sabha Elections 2019: bjp congress vasundhara raje manvendra singh | लोकसभा चुनाव 2019: क्या सियासत की भी यही रीत है-हार के बाद भी जीत है?

ये विधानसभा चुनाव हारे उम्मीदवार इस बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करवा पाते हैं या नहीं, और कांग्रेस के मिशन- 25 में कितना योगदान दे पाते हैं.

Highlightsराजस्थान में लोकसभा चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले चरण में 29 अप्रैल को 13 सीटों व छह मई को 12 सीटों पर चुनाव होगा। ये विधानसभा चुनाव हारे उम्मीदवार इस बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करवा पाते हैं या नहीं, और कांग्रेस के मिशन- 25 में कितना योगदान दे पाते हैं.

राजस्थान विधानसभा चुनाव में हारे पांच उम्मीदवारों को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में फिर मौका दिया है, बड़ा सवाल यह है कि ऐसा क्यों किया गया है?

विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी से कांग्रेस में आए और पार्टी के निर्देश पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ चुनाव लड़े मानवेन्द्र सिंह को बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र से टिकट देना तो ठीक है, लेकिन शेष उम्मीदवारों को टिकट देना पार्टी की मजबूरी रही या रणनीति का हिस्सा, इसकी खासी चर्चा है.

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इसका सबसे पहला और महत्वपूर्ण कारण तो यह है कि ऐसे लोकसभा क्षेत्रों में प्रभावी और सशक्त उम्मीदवारों की कमी रही है, जैसे सलूंबर से विस चुनाव हारे रघुवीर मीणा कांग्रेस के बड़े नेता तो हैं ही, उदयपुर लोस क्षेत्र में उनके अलावा कोई और जिताउ चेहरा भी कांग्रेस के पास नहीं है. लिहाजा उन्हें उदयपुर से टिकट दिया गया.

दूसरा बड़ा कारण यह है कि भले ही वह उम्मीदवार विधानसभा चुनाव हार गया हो, लेकिन बहुत कम वोटों के अंतर से हारा और लोस क्षेत्र में उसकी प्रभावी पकड़ है, जिसके कारण शेष विधानसभा क्षेत्र के कुल कांग्रेस वोट से वह जीत सकता है. जैसे रानीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से रतन देवासी पांच हजार से भी कम वोटों से विधानसभा चुनाव हारे थे, उन्हें जालौर से कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है. 

लेकिन, इन सीटों में से चुरू जैसी सीट भी है, जहां जीत दर्ज करवाना कांग्रेस के लिए आसान नहीं है. यह सीट 2014 में बीजेपी ने 294739 वोटों के बड़े अंतर से जीती थी और यह लोस सीट इस सदी में तो अब तक कांग्रेस जीत भी नहीं पाई है.

देखना दिलचस्प होगा कि ये विधानसभा चुनाव हारे उम्मीदवार इस बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करवा पाते हैं या नहीं, और कांग्रेस के मिशन- 25 में कितना योगदान दे पाते हैं.

राजस्थान में लोकसभा चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले चरण में 29 अप्रैल को 13 सीटों व छह मई को 12 सीटों पर चुनाव होगा। 

तय कार्यक्रम के अनुसार टोंक सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़ बारां सीट के लिए 29 अप्रैल को मतदान होगा।

राज्य की गंगानगर, बीकानेर, झुंझुनू, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली धौलपुर, दौसा और नागौर सीट के लिए छह मई को मतदान होगा।
 

Web Title: Lok Sabha Elections 2019: bjp congress vasundhara raje manvendra singh