लोकसभा चुनावः गुजरात में बीजेपी के 'मिशन 26' की राह में रोड़ा हैं ये 13 सीटें, कांग्रेस देगी कड़ी टक्कर

By महेश खरे | Updated: March 28, 2019 08:39 IST2019-03-28T08:39:54+5:302019-03-28T08:39:54+5:30

गुजरात में 2014 दोहराने के लिए भाजपा मिशन-26 पर काम कर रही है. उसका सबसे ज्यादा जोर बूथ प्रबंधन पर है.

Lok Sabha elections: 13 tough seats for BJP's 'Mission 26' in Gujarat, Congress will fight hard | लोकसभा चुनावः गुजरात में बीजेपी के 'मिशन 26' की राह में रोड़ा हैं ये 13 सीटें, कांग्रेस देगी कड़ी टक्कर

लोकसभा चुनावः गुजरात में बीजेपी के 'मिशन 26' की राह में रोड़ा हैं ये 13 सीटें, कांग्रेस देगी कड़ी टक्कर

भाजपा गुजरात में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बूथ प्रबंधन के ही भरोसे है. मोदी का काम और मोदी का नाम चुनाव प्रचार में विपक्ष के खिलाफ भाजपा के हथियार बनेंगे. गुजरात में 2014 दोहराने के लिए भाजपा मिशन-26 पर काम कर रही है. उसका सबसे ज्यादा जोर बूथ प्रबंधन पर है. इसके लिए जगह-जगह बैठकें हो रही हैं.

राज्य की सभी 26 सीटों पर 23 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. उधर कांग्रेस, भाजपा के संसदीय संख्याबल को आधा करने की रणनीति पर आगे बढ़ चुकी है. भाजपा ने अभी तक 16 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की है. इनमें से 13 सीटों पर पुराने चेहरे ही उतारे गए हैं जबकि लालकृष्ण आडवाणी की गांधीनगर समेत तीन सीटों पर नए चेहरे होंगे.

आडवाणी की जगह अब पार्टी अध्यक्ष अमित शाह गांधीनगर से प्रत्याशी हैं जबकि सुरेंद्रनगर से देवजी फतेपारा के स्थान पर महेंद्र मुंजपारा को उतारा गया है. अहमदाबाद पूर्व से 2014 के चुनाव में फिल्म अभिनेता परेश रावल भाजपा के बैनर तले जीते थे. इस बार सांसदों के कामकाज की समीक्षा के आधार पर उन्हें बदलने की चर्चा जैसे ही शुरू हुई परेश ने पार्टी आलाकमान को चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा से अवगत करा दिया. उनकी जगह नया चेहरा अभी फाइनल नहीं हो पाया है.

भाजपा अपने वयोवृद्ध नेता आडवाणी के नेतृत्व के बिना 35 साल बाद चुनाव लड़ेगी. भाजपा जहां अपनी जीत के प्रति आश्वस्त है तो कांग्रेस भी पिछले विधानसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के मद्देनजर उत्साहित है. कांग्रेस का जोश हाल ही में तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली सफलता से और बढ़ा है.

कांग्रेस को आदिवासी पट्टी का भरोसा

2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 8 लोकसभा सीटों पर भाजपा से ज्यादा वोट मिले थे. इस चुनाव में भी कांग्रेस आदिवासी और ग्रामीण इलाकों वाली इन सीटों पर ज्यादा मेहनत करेगी. ये सीटें सुरेंद्रनगर, पाटण, बनासकांठा, मेहसाणा, सांबरकांठा, जूनागढ़, आणंद और अमरेली हैं. इसके अलावा वारडोली, अहमदाबाद और कच्छ में भी कांग्रेस को अपनी जीत की गुंजाइश नजर आ रही है. नाम फाइनल, घोषणा ऐन मौके पर कांग्रेस सूत्रों के अनुसार गुजरात के सभी प्रत्याशियों के नाम लगभग फाइनल कर लिए गए हैं. कई नेताओं को तो अपने क्षेत्रों में काम करने का संकेत भी दे दिया गया है. प्रत्याशियों की घोषणा नामांकन के एक-दो दिन पूर्व की जाएगी. इस बार कांग्रेस प्रभाव वाले क्षेत्रों में भाजपा बड़े पैमाने पर दलबदल कराने के बूते जीत का सपना देख रही है, लेकिन वोटबैंक में सेंध लगाना इतना आसान नहीं है.

पटेलों, किसानों, आदिवासियों का वोट होगा निर्णायक

गुजरात में कोली पटेल, पाटीदारों, किसानों और आदिवासियों का वोट करीब 13 सीटों पर निर्णायक रहता आया है. भाजपा और कांग्रेस इसी वोटबैंक को साधने के प्रयास में हैं, जो इसमें कामयाब होगा सीट उसी पार्टी की झोली में होगी. दोनों दल एक-दूसरे के असंतुष्टों पर नजर रखे हुए हैं. कुंवरजी वावलिया और चावड़ा जैसे नेताओं के दलबदल की पटकथा इसी पैटर्न पर लिखी गई है. भूमि संपादन नियमों में संशोधन से आदिवासियों में उपजे रोष को विपक्ष वोटों में भुनाने की जी-तोड़ कोशिश में है. किसानों का मुद्दा इन दिनों गर्म है ही. जीएसटी, नोटबंदी और बेरोजगारी जैसे मुद्दे भी चुनाव में प्रभावी रहने की उम्मीद है.

Web Title: Lok Sabha elections: 13 tough seats for BJP's 'Mission 26' in Gujarat, Congress will fight hard