सुशील मोदी का दावा- बिहार में महागठबंधन का नहीं खुलेगा खाता, NDA को वाकओवर
By एस पी सिन्हा | Updated: May 20, 2019 19:11 IST2019-05-20T19:11:16+5:302019-05-20T19:11:16+5:30
2009 में जदयू और 2014 में लोजपा के साथ चुनाव लड़ने वाले एनडीए को बिहार में यूपीए से करीब 11 प्रतिशत से ज्यादा मत मिले थे.

सुशील मोदी का दावा- बिहार में महागठबंधन का नहीं खुलेगा खाता, NDA को वाकओवर
बिहार के उपमुख्यमंत्री सह भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार में इस बार महागठबंधन का बिहार में खाता भी नहीं खुल पायेगा. 2009 में जदयू और 2014 में लोजपा के साथ चुनाव लड़ने वाले एनडीए को बिहार में यूपीए से करीब 11 प्रतिशत से ज्यादा मत मिले थे.
इस बार जदयू और लोजपा के साथ आने से यह अंतर 20 प्रतिशत से ज्यादा का है. ऐसे में एनडीए को वाकओवर मिला हुआ है क्योंकि एनडीए और यूपीए (महागठबंधन) के वोट में 20 प्रतिशत से ज्यादा का फासला है. उन्होंने कहा कि 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा जदयू के साथ चुनाव लड़ी थी तो 38 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे और 32 सीटों पर जीत मिली थी तब राजद-लोजपा साथ थे और उन्हें 26 प्रतिशत मत और मात्र 4 सीटों पर जीत मिली थी.
एनडीए को यूपीए से 11 प्रतिशत से अधिक की बढ़त थी. सुशील मोदी ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा-लोजपा साथ चुनाव लड़ी थी और एनडीए का वोट प्रतिशत 39.41 था तथा 31 सीटों पर जीत मिली थी. जबकि यूपीए को मात्र 29 प्रतिशत वोट मिला था, जो एनडीए से 10 प्रतिशत कम था.
2014 में अलग से चुनाव लडे़ जदयू को 16 प्रतिशत वोट मिला था जो आज एनडीए के साथ है. उन्होंने कहा कि एनडीए के 2014 के 39.41 प्रतिशत वोट में जदयू के 16 प्रतिशत को जोड़ लें तो 2019 में एनडीए के पास 52.41 प्रतिशत वोट है, जो यूपीए से करीब 22 प्रतिशत अधिक है. जब एक-दो प्रतिशत वोट के अन्तर से हार-जीत का फासला बढ़ जाता है तो इतनी बडी बढत के बाद क्या यूपीए बिहार में अपना खाता भी खोल पायेगा?