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गांधी परिवार से बाहर के नेता को मिलेगी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी? कमलनाथ और बघेल पर गिर सकती है गाज

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: May 26, 2019 08:04 IST

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल ने कहा, ''यह चुनाव मेरे नेतृत्व में लड़ा गया और यह मेरी नैतिक जिमेदारी है कि हार को स्वीकारते हुए अपने पद से इस्तीफा दूं.'' बैठक में मौजूद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने यह फैसला राहुल पर छोड़ दिया.

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ठळक मुद्देलोकसभा चुनाव में हार के बाद अब कांग्रेस में सत्ता परिवर्तन के आसार नजर अर रहे हैं. चुनाव में करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफे पर अड़े हुए हैं.बैठक के दौरान कुछ सदस्यों ने प्रियंका गांधी का नाम सुझाया, लेकिन राहुल ने साफ कर दिया कि गांधी परिवार से नया अध्यक्ष नहीं होगा.नए अध्यक्ष के रूप में जो नए नाम चर्चा में आए हैं, उनमें ए. के. एंटोनी, कैप्टन अमरिंदर सिंह, अशोक गहलोत, मल्लिाकार्जुन खड़गे शामिल हैं.

लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब कांग्रेस में सत्ता परिवर्तन के आसार नजर अर रहे हैं. चुनाव में करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफे पर अड़े हुए हैं. कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उन्होंने साफ कहा कि उन्हें इस पद से मुक्त कर किसी अन्य को जिम्मेदारी सौंपी जाए. हालांकि कार्यसमिति ने उनके इस्तीफे की पेशकश ठुकरा दी है, लेकिन उनके अड़ियल रुख को देखते हुए फैसला अगली बैठक के लिए टाल दिया है.बैठक के दौरान कुछ सदस्यों ने प्रियंका गांधी का नाम सुझाया, लेकिन राहुल ने साफ कर दिया कि गांधी परिवार से नया अध्यक्ष नहीं होगा. उन्होंने किसी दूसरे नाम पर विचार करने की सलाह दी. पार्टी में अब पर गंभीर चर्चा चल रही है कि यदि राहुल अपने फैसले पर अडे़ रहते हैं, तो पार्टी का अगला चेहरा कौन होगा.नए अध्यक्ष के रूप में जो नए नाम चर्चा में आए हैं, उनमें ए. के. एंटोनी, कैप्टन अमरिंदर सिंह, अशोक गहलोत, मल्लिाकार्जुन खड़गे शामिल हैं. कार्यसमिति की बैठक में राहुल ने कहा, ''यह चुनाव मेरे नेतृत्व में लड़ा गया और यह मेरी नैतिक जिमेदारी है कि हार को स्वीकारते हुए अपने पद से इस्तीफा दूं.'' बैठक में मौजूद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने यह फैसला राहुल पर छोड़ दिया.सूत्र बताते हैं कि उनके इस्तीफे पर काफी देर तक चर्चा हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. बैठक के बाद में पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ''सभी सदस्यों ने राहुल के इस्तीफे की पेशकश को ठुकराते हुए कहा कि अगर कोई नेता राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष की भूमिका निभा सकता है तो वह राहुल हैं.''कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कार्यसमिति ने राहुल को पार्टी के ढांचे में फेरबदल की जिम्मेदारी सौंपी है. इसके लिए जल्द योजना लाई जाएगी. बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम समेत कार्यसमिति के अन्य सदस्य शामिल हुए.कमलनाथ, बघेल पर गिर सकती गाज कार्यसमिति ने बैठक में एक प्रस्ताव भी पारित किया. इसमें पार्टी अध्यक्ष को संगठनात्मक ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. दरअसल बैठक के दौरान जब इस मसले पर चर्चा हो रही थी, उस समय मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों का मुद्दा गरमा गया. सदस्यों ने सीधा आरोप लगाया कि इन राज्यों में कांग्रेस सरकार होने के बावजूद जो चुनाव परिणाम मिलने थे, वे नहीं मिले. इसका सीधा मतलब है कि इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने जनता की इच्छा के अनुरूप काम नहीं किया. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, अब कांग्रेस नेतृत्व इन तीनों राज्यों नेतृत्व को लेकर नए सिरे से विचार करने की सोच रहा है. इस वजह से अशोक गहलोत, कमलनाथ और भूपेश बघेल का भविष्य खतरे में दिख रहा है.- कांग्रेस नेता ए. के. एंटनी ने कहा कि प्रस्ताव से यह भी साफ था कि पार्टी अगले एक-दो महीनों में देशभर के प्रदेश अध्यक्षों को बदलने के साथ जिला स्तर से लेकर राज्यस्तर तक संगठन पर काबिज लोगों को बदलेगी. पार्टी चुनाव में उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं करने के कारणों पर विचार करेगी. हम तत्काल किसी निष्कर्ष नहीं पहुंच सकते कि क्यों हारे. इस पर विस्तृत चर्चा होगी.- कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडे ने कहा कि राहुल गांधी ही कांग्रेस के नेतृत्व को सही दिशा दे सकते हैं. उनके नेतृत्व में ही पार्टी के सभी लोग संघर्ष करने के लिए तैयार हैं. चुनाव परिणाम हमारी अपेक्षा के विपरीत हैं. इसका देश की राजनीति और कांग्रेस पर क्या असर होगा, इस पर च्ितिंन करने की जरूरत है.- महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हान ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार सामूहिक जिम्मेदारी है, सिर्फ राहुल गांधी की नहीं. राहुल ने कड़ी मेहनत की और आगे से नेतृत्व किया. उन सभी वरिष्ठ नेताओं को पद छोड़ना चाहिए जो राज्य इकाइयों में पदों पर हैं, ताकि नई टीम आ सके. महाराष्ट्र में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के चलते मेरे सहयोगी और मैं इस्तीफा देने को तैयार है. 

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