लोकसभा चुनावः सबसे कम उम्र के प्रत्याशी देवाशीष जरारिया के लिए मुसीबत बन रहे सवर्ण मतदाता

By राजेंद्र पाराशर | Published: May 10, 2019 09:31 AM2019-05-10T09:31:07+5:302019-05-10T09:31:07+5:30

लोकसभा चुनावः मध्यप्रदेश के भिंड संसदीय क्षेत्र में वैसे तो भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. कांग्रेस ने यहां पर युवा इंजीनियर देवाशीष जरारिया को मैदान में उतारा है.

lok sabha election: congress candidate engneer devashish jarariya general voters bjp bhind parliamentary constituency | लोकसभा चुनावः सबसे कम उम्र के प्रत्याशी देवाशीष जरारिया के लिए मुसीबत बन रहे सवर्ण मतदाता

फाइल फोटो

Highlightsमध्यप्रदेश के भिंड संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस ने सबसे कम उम्र 28 वर्ष के युवा इंजीनियर देवाशीष जरारिया के लिए सवर्ण मतदाता परेशानी का कारण बनते नजर आ रहे हैं. देवाशीष का नाम उस वक्त चर्चा में आया था, जब अप्रैल 2018 में ग्वालियर-चंबल में दलित हिंसा हुई थी. इस हिंसा में जरारिया पर आरोप लगे थे.12 मई को भिंड संसदीय क्षेत्र में मतदान होना है. इस संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभाओं में से भिंड, भांडेर, सेवढ़ा, गोहद, मेहगांव और दतिया विधानसभा क्षेत्रों में सवर्ण समाज की नाराजगी मुखर होती जा रही है.

मध्यप्रदेश के भिंड संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस ने सबसे कम उम्र 28 वर्ष के युवा इंजीनियर देवाशीष जरारिया को मैदान में उतारकर दलित वोट बैंक के सहारे जीत हासिल करने का जो प्रयास किया था, उसमें सवर्ण मतदाता उनके लिए परेशानी का कारण बनते नजर आ रहे हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी इस संसदीय क्षेत्र में सभा कर गए, मगर सवर्ण मतदाता यहां सीधे तौर पर परिणाम पर असर डालता नजर आ रहा है. जरारिया के लिए उनका अपना अतीत ही उन्हें परेशानी में डाल रहा है.

मध्यप्रदेश के भिंड संसदीय क्षेत्र में वैसे तो भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. कांग्रेस ने यहां पर युवा इंजीनियर देवाशीष जरारिया को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने पूर्व विधायक संध्या राय को प्रत्याशी बनाया है. देवाशीष का नाम उस वक्त चर्चा में आया था, जब अप्रैल 2018 में ग्वालियर-चंबल में दलित हिंसा हुई थी. इस हिंसा में जरारिया पर आरोप लगे थे. 

इस हिंसा का राज्य के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल अंचल में खासा असर देखने को मिला था, जिसके चलते भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा और सत्ता से दूर होना पड़ा. तब भाजपा से सवर्ण समाज नाराज था, अब भिंड में जरारिया को कांग्रेस ने मैदान में उतार दिया है तो इसका फायदा भाजपा उठाने में पीछे नहीं हट रही है. 

जरारिया को लेकर वह घेराबंदी कर चुकी है, साथ ही सवर्ण समाज को अपनी ओर करते हुए वह कांग्रेस पर निशाना साध रही है. हालात इस संसदीय क्षेत्र में ऐसे बन गए हैं कि यहां पर अब दलित और सवर्ण समाज के मतों का विभाजन होता नजर आने लगा है. सवर्ण मतदाता इस बार कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर खासा नाराज नजर आ रहे हैं. कई स्थानों पर तो देवाशीष को सभाएं भी नहीं करने दी गई, बल्कि सवर्ण समाज के लोगों ने उनकी सभाओं में पथराव तक किए.

इन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के लिए खड़ी हो रही मुसीब

12 मई को भिंड संसदीय क्षेत्र में मतदान होना है. इस संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभाओं में से भिंड, भांडेर, सेवढ़ा, गोहद, मेहगांव और दतिया विधानसभा क्षेत्रों में सवर्ण समाज की नाराजगी मुखर होती जा रही है. हालांकि देवाशीष के लिए राज्य के सहकारिता मंत्री डा. गोविंद सिंह पूरी ताकत के साथ मैदान में है. भाजपा इस सीट पर 8 बार चुनाव जीत चुकी है. परिसीमन के बाद जब अजा वर्ग के लिए यह सीट आरक्षित हुई तब से लगातार भाजपा का ही इस सीट पर कब्जा रहा है. कांग्रेस यहां पर जीत के लिए मशक्कत ही करती नजर आई है.

Web Title: lok sabha election: congress candidate engneer devashish jarariya general voters bjp bhind parliamentary constituency



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