लोकसभा चुनाव के लिए मैदानी जमावट में जुटे दल, BJP में बदलाव के आसार, कांग्रेस में मंत्री और दिग्गज नेता संभालेंगे कमान
By राजेंद्र पाराशर | Updated: February 1, 2019 07:47 IST2019-02-01T07:47:24+5:302019-02-01T07:47:24+5:30
मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने लोकसभा चुनाव के लिए सक्रियता दिखाते हुए अब मैदानी जमावट पर जोर देना शुरु कर दिया है. भाजपा जहां विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद लोकसभा चुनाव में पिछले चुनाव की तरह परिणाम चाह रही है.

लोकसभा चुनाव के लिए मैदानी जमावट में जुटे दल, BJP में बदलाव के आसार, कांग्रेस में मंत्री और दिग्गज नेता संभालेंगे कमान
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव की जमावट में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल जुट गए हैं. दोनों ही दलों के प्रदेश अध्यक्षों ने अपने स्तर पर काम शुरु कर दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रियों और दिग्गज नेताओं को लोकसभा क्षेत्रों में तैनात करने की कवायद शुरु की है. वहीं भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को फ्री हेंड दे दिया है. इसके बाद संगठन में बदलाव के आसार नजर आने लगे हैं. यह बदलाव जिला स्तर पर होने की संभावना है.
मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने लोकसभा चुनाव के लिए सक्रियता दिखाते हुए अब मैदानी जमावट पर जोर देना शुरु कर दिया है. भाजपा जहां विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद लोकसभा चुनाव में पिछले चुनाव की तरह परिणाम चाह रही है. भाजपा ने अब 29 सीटों का लक्ष्य तय कर दिया है. इस लक्ष्य को पाने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह को फ्री हेंड देकर संगठन में कसावट लाने की बात कही है.
राकेश सिंह अब जिला स्तर पर बदलाव की तैयारी कर रहे हैं. माना जा रहा है कि भाजपा का नेतृत्व नई जिम्मेदारियों के साथ मैदान में उतरेगा. इसके तहत 25 से ज्यादा जिला अध्यक्षों को बदला जाएगा. इसके अलावा खराब परफार्मेंस वाले पदाधिकारियों को भी हटाया जाएगा. मतलब साफ है कि भाजपा इस बार पूरी तरह से राकेश सिंह की टीम के सहारे लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरेगी.
मंत्रियों, दिग्गजों को कांग्रेस सौंपेगी जिम्मेदारी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लोकसभा चुनाव के लिए मंत्रियों और दिग्गज नेताओं को लोकसभा क्षेत्रवार जिम्मेदारी सौंपना तय किया है. कमलनाथ ने साफ कर दिया है कि चुनाव सत्ता और संगठन मिलकर लड़ेगा. इसके लए सत्ता और संगठन के बीच तालमेल बैठाए जाने की रणनीति तय की गई है. इसके अलावा उन विधानसभा सीटों पर ज्यादा ध्यान दिए जाने की बात कही है, जहां पर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को निराशाजनक परिणाम मिले थे.
मंत्रियों से कहा गया है कि वे गांवों में रात बिताएं और कार्यकर्ता को संगठन मजबूत करने के लिए प्रेरित करें साथ ही जनता के बीच पहुंचकर योजनाओं के बारे में बताएं. इसके अलावा दिग्गज नेताओं को को भी उनके लोकसभा क्षेत्रों में सक्रिय होकर चुनाव जीताने की जिम्मेदारी सौंपी है.