Lok Sabha Election 2024: PM नरेंद्र मोदी क्या रिटायरमेंट के लिए तैयार, तेलंगाना CM रेवंत रेड्डी ने इस नियम के तहत पूछा
By आकाश चौरसिया | Updated: May 11, 2024 13:17 IST2024-05-11T12:50:47+5:302024-05-11T13:17:59+5:30
Lok Sabha Election 2024: एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी भविष्य में 74 साल के पार हो जाएंगे। उन्होंने आगे कहा, अगले साल प्रधानमंत्री 75 साल के हो जाएंगे, तो क्या वो भी लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के अनुसार रिटायर होंगे।

फाइल फोटो
Lok Sabha Election 2024: अभी तक भाजपा के मार्गदर्शक मंडल में जा चुके लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को पार्टी की नीतियों के तहत ऐसा करना पड़ा। अब इस बात को दोहराते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने शनिवार को आश्चर्य जताया कि क्या यही नियम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी लागू होंगे, जब वह इस सीमा को पार कर जाएंगे, तो 75 की उम्र में क्या अपना रिटायरमेंट लेंगे?
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी भविष्य में 74 साल के पार हो जाएंगे। उन्होंने आगे कहा, अगले साल प्रधानमंत्री 75 साल के हो जाएंगे, तो क्या वो भी लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के अनुसार रिटायर होंगे।
उन्होंने आगे कहा, "भाजपा में एक निर्वाचित प्रतिनिधि के लिए सेवानिवृत्ति की आयु 75 वर्ष तय की है। इस तरह उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ जबरदस्ती फैसले लिए हैं। अब जब नरेंद्र मोदी 74 साल पार करने जा रहे हैं, अभी एक साल बाकी है। मैं नरेंद्र मोदी से यही सवाल पूछना चाहता हूं कि क्या आप 75 साल की उम्र में रिटायर होने के लिए तैयार हैं?''
रेवंत रेड्डी जो हाल में तेलंगाना के मुख्यमंत्री बने, उन्होंने बीआरएस चीफ के. चंद्रशेखर राव ने सत्ता से उतारा था, उन्होंने दावा किया था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को बरबाद किया क्योंकि उन्होंने 113 लाख करोड़ रु का उधार लिया।
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, "मैं एक बात को याद दिलाना चाहता हूं, कि 1947 से 2014 के बीच 14 प्रधानमंत्री रहे, इस बीच उनकी उम्र 67 साल रही और उन्होंने 55 लाख करोड़ रुपए उधार लिए। पीएम मोदी ने सीधे 113 लाख करोड़ रु उधार ले लिया और उन्होंने इसके साथ देश को बरबाद कर दिया। देश इस बड़ी समस्या से सामना कर रहा है। उनकी यह जिम्मेदारी बनती है। इसलिए वह जो भी दस्तावेज जमा कर रहे हैं, हम उन दस्तावेजों पर विश्वास नहीं करने वाले हैं क्योंकि वह चुनाव जीतने के लिए किसी भी स्तर तक जा सकते हैं। उसमें ईमानदारी या विश्वसनीयता नहीं है"।