लोकसभा चुनाव 2019: बिहार में उम्मीदवारों को लेकर एनडीए में माथापच्ची, गिरिराज सहित कई मंत्रियों का कटेगा टिकट!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 13, 2019 08:00 AM2019-03-13T08:00:10+5:302019-03-13T08:00:10+5:30

पटना साहिब सीट से बागी नेता शत्रुघ्न सिन्हा का टिकट कटना तय माना जा रहा है. यहां से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, आरके सिन्हा व उनके पुत्र ऋतुराज भी प्रबल दावेदार हैं.

lok sabha election 2019 ticket distribution in bihar giriraj singh nawada seat may alloted to ljp | लोकसभा चुनाव 2019: बिहार में उम्मीदवारों को लेकर एनडीए में माथापच्ची, गिरिराज सहित कई मंत्रियों का कटेगा टिकट!

लोकसभा चुनाव 2019: बिहार में उम्मीदवारों को लेकर एनडीए में माथापच्ची, गिरिराज सहित कई मंत्रियों का कटेगा टिकट!

बिहार में एनडीए के घटक दलों ने आपस में सीटों का बंटवारा तो तय कर लिया, लेकिन किसके हिस्से कौन-सी लोकसभा सीटें आएंगी, इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है. सूबे की 40 लोकसभा सीटों में से 17-17 सीटों पर भाजपा और जदयू, जबकि शेष छह सीटों पर लोजपा का लड़ना तय माना जा रहा है. चर्चा है कि जदयू और लोजपा ने अपने-अपने सीटों पर दावेदारी जता दी है. इसके लिए भाजपा को बिहार में अपनी सात विजयी सीटें छोड़नी पड़ेगी. इनमें से छह सीटें जदयू के खाते में और एक सीट लोजपा के खाते में जा सकती है. 

इसके कारण भाजपा दुविधा की स्थिति में है कि कौन सी सीट किस घटक दलों को दिया जाए, क्योंकि इससे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित कुछ मंत्रियों का टिकट कट सकता है. दरअसल, बिहार में भाजपा के लिए सबसे बड़ी परेशानी यह है कि उसे अपनी न केवल 13 सीटों की संख्या कम करनी है, बल्कि जीती हुई पांच सीटें भी छोड़नी है. ये पांच सीटें तय करने में पार्टी के पसीने छूट रहे हैं. 

वहीं, भाजपा वैसी तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिन पर पिछले लोकसभा चुनाव में हार गई थी. दरअसल, दरभंगा से सांसद कीर्ति आजाद और पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा पहले ही बागी हो चुके हैं, जबकि बेगूसराय के सांसद भोला सिंह का निधन हो चुका है. ऐसे में अब सिर्फ दो सांसदों का ही टिकट कटना है. पर, जदयू के साथ सीटों की अदला-बदली के कारण कई और सांसदों पर भी तलवार लटक रही है. 

भाजपा के लिए मुश्किल यह है कि वह किस सांसद का टिकट काटे? इन केंद्रीय मंत्रियों के टिकट कटने की आशंका जदयू ने भाजपा कोटे की 8 ऐसी सीटों पर दावा किया है, जहां से अभी उसके सांसद हैं. इनमें दो केंद्र में मंत्री हैं. जदयू ने पाटलिपुत्र पर भी दावेदारी ठोकी हुई है, लेकिन भाजपा इसके लिए तैयार नहीं है. यहां से केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव सांसद हैं. बक्सर पर भी जदयू की नजर है, यहां से केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे सांसद हैं. जदयू ने एलजेपी कोटे की मुंगेर सीट पर दावा ठोका है. यहां से नीतीश सरकार के मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के चुनाव लड़ने की संभावना है. इसके बदले भाजपा, लोजपा को नवादा सीट दे सकती है. नवादा से अभी केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सांसद हैं. वे बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं. 

किन सीटों पर किसने ठोका दावा 

भाजपा की नजर पटना साहिब, भागलपुर, शिवहर या पाटलिपुत्र, बेगूसराय, सासाराम, कटिहार, मुजफ्फरपुर, आरा, बक्सर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गया, अररिया, सीवान, सारण, मधुबनी, उजियारपुर जदयू-मुंगेर, वाल्मीकिनगर, बांका, मधेपुरा, सुपौल, किशनगंज, सीतामढी, काराकाट, जहानाबाद, पूर्णिया, नालंदा, पाटलिपुत्र या शिवहर, औरंगाबाद, दरभंगा, झंझारपुर, महाराजगंज, गोपालगंज पर है। वहीं, एलजेपी हाजीपुर, जमुई, समस्तीपुर, खगडि़या, वैशाली, नवादा से चुनाव लड़ेगी। 

RLSP के हटने से जदयू को फायदा

जदयू ने पिछली बार नालंदा और पूर्णिया दो ही सीटें जीती थीं, लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव में उसने 25 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारा था. लिहाजा, उसके पास भी दावेदारों की कमी नहीं है. भाजपा के हिस्से की टिकट के अलावा रालोसपा के कोटे की तीनें सीट भी जदयू को ही मिलेगी. 

पटना साहिब, खगडि़या, दरभंगा पर सस्पेंस 

पटना साहिब सीट से बागी नेता शत्रुघ्न सिन्हा का टिकट कटना तय माना जा रहा है. यहां से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, आरके सिन्हा व उनके पुत्र ऋतुराज भी प्रबल दावेदार हैं. सांसद कीर्ति आजाद के कांग्रेस में जाने के बाद यहां से जदयू के संजय झा और भाजपा से नीतीश मिश्रा संभावित उम्मीदवारों की सूची में हैं. नीतीश मिश्रा की चर्चा मधुबनी से भी है, जहां से भाजपा के वरिष्ठ नेता हुकुमदेव नारायण यादव सांसद हैं. खगडि़या सीट लोजपा छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. यहां से भाजपा के सम्राट चौधरी दावेदार माने जा रहे हैं. 
 
40% सांसदों के टिकट पर भी चलेगी कैंची! 

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का मानना है कि तकरीबन 40%सीटों पर पार्टी इस बार नए चेहरे को उम्मीदवार बनाने की तैयारी में है. हालांकि इस पर फैसला जल्द होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में होगा. इस बैठक में संभवत: पहले चरण में 11 अप्रैल को होनेवाले चुनाव के लिए 91 उम्मीदवारों के नामों की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि भाजपा उन सांसदों का टिकट काटने पर विचार कर रही है, जिनके खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है और उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र पर धयान नहीं दिया.

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