इंटरव्यू: हमारे बिना केंद्र में कोई सरकार नहीं बनेगी-शिवपाल सिंह यादव
By निखिल वर्मा | Published: April 1, 2019 07:39 AM2019-04-01T07:39:59+5:302019-04-01T08:13:04+5:30
मैनपुरी जिले के जसवंत नगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव ने पारिवारिक विवाद के बाद पिछले साल सपा से अलग होकर अपनी नई पार्टी बना ली थी।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने को तैयार हैं। उन्होंने शनिवार को उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद संसदीय सीट से नामांकन भरा है। यहां उनकी लड़ाई अपने ही भतीजे और वर्तमान सांसद अक्षय यादव से है।
मैनपुरी जिले के जसवंत नगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव ने पारिवारिक विवाद के बाद पिछले साल सपा से अलग होकर अपनी नई पार्टी बना ली थी। उत्तर प्रदेश के अलावा कई राज्यों में उनकी पार्टी चुनाव लड़ रही है। लोकमत ने लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर शिवपाल सिंह यादव से विशेष बातचीत की है। पढ़ें इंटरव्यू के चुनिंदा अंश:
उत्तर प्रदेश में कितनी सीटें जीतने का अनुमान है?
हम पूरे उत्तर प्रदेश में ताकत से लड़ रहे हैं। पिछले चार महीने में हमने पूरे उत्तर प्रदेश में संगठन खड़ा कर दिया है। हम यूपी में बहुत सी सीटों पर बेहतर प्रदर्शन करेंगे। हमारा विश्वास है कि हमारे बिना केंद्र में कोई सरकार नहीं बनेगी।
ये आपका पहला संसदीय चुनाव है, फिरोजाबाद की जनता से आप किस आधार पर वोट मांग रहे हैं? अभी आप जसवंत नगर से विधायक हैं।
फिरोजबाद मेरे लिए कोई नया नहीं है और न ही मैं कोई बाहरी हूं। हमारे पूर्वजों की जड़ें यहीं हैं। लंबे समय से यहां आना-जाना रहा है। यहां की जनता ने मुझे बहुत स्नेह दिया है। यहां हम भारी मतों से चुनाव जीत रहे हैं।
अक्षय यादव का आरोप है कि आपने कभी फिरोजाबाद की जनता को आगे नहीं बढ़ाया है, मंत्री रहते हुए भी आपने यहां की जनता के लिए कुछ नहीं किया। आपको फिरोजाबाद से चिढ़ थी?
इस बात का ज्यादा बेहतर जवाब तो फिरोजाबाद की जनता देगी। किसने फिरोजाबाद का अपमान किया, कौन लोग थे जो फिरोजाबाद के लोगों को नहीं देखना चाहते थे। इस पर मेरा कुछ कहना उचित नहीं होगा। पिछले 5 सालों में क्या हुआ है, सभी को पता है। यहां की जनता को बहुत अपमानित किया गया है। इस चुनाव में जनता निश्चय ही इसका जवाब देगी।
क्या नेता जी मुलायम सिंह यादव यहां आपके लिए चुनाव प्रचार करने आएंगे?
ये तो नेताजी बताएंगे, मुझे बस इतना पता है कि उनका आर्शीवाद मेरे साथ है।
लेकिन अक्षय यादव का कहना है कि दिसंबर 2018 में नेताजी ने फिरोजाबाद की एक रैली में उन्हें जिताने की अपील कर चुके हैं?
नेताजी इस रैली के बाद प्रसपा की जनाक्रोश रैली में भी आए थे। नेताजी हमारे मुखिया हैं और उनका आर्शीवाद सभी लोगों के साथ है। यह धर्म युद्ध है और नेताजी को किसी राजनीति में नहीं घसीटा जाना चाहिए।
क्या जनता में ये भ्रम की स्थिति नहीं है कि आप मैनपुरी में साइकिल और फिरोजाबाद में चाभी को वोट देने के लिए कह रहे हैं?
नेता जी लिए मेरा सम्मान किसी दल, चुनाव और राजनीति से ऊपर है। हमने किसी दल या राजनीतिक प्रतीक का नाम नहीं लिया है। हमने मैनपुरी की जनता से नेताजी को जिताने के लिए प्रार्थना की है।
समाजवादी पार्टी से राहें क्यूं जुदा हो गयी?
मैं इसका दोष किसी को नहीं देना चाहूंगा, अब जनता को फ़ैसला लेना है। समाजवादी पार्टी संघर्ष के दम पर बनी थी, उसमें तीन दशक तक मैं भी नेताजी ( मुलायम सिंह यादव) के साथ संघर्ष करता रहा। पर पिछले कुछ समय से पार्टी अपने मूल सिद्धांतों से भटक गई और समाजवादी धारा के प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं का अपमान शुरू हो गया। मैने इस विचलन को महसूस किया और नेतृत्व से प्रार्थना भी की , लेकिन मेरी बात अनसुनी की गई। परिवार और पार्टी एक रहे, इसके लिए मैंने आख़िरी वक्त तक प्रयास किया।
दो दिनों पहले आपने बयान दिया था कि यादव सिंह केस के चलते रामगोपाल यादव ने महागठबंधन नहीं होने दिया, ये मामला क्या है?
जो मुझे कहना था, मैंने कह दिया। बिहार चुनाव 2015 से पहले कमोबोश सभी दलों के बीच एक सहमति बन गई थी। वो नेताजी के नेतृत्व को स्वीकार करने के लिए तैयार थे।