अडवाणी-अटल के बाद बीजेपी में अब आया 'मोदी युग'! जानिए 1984 से अब तक का बीजेपी का सफर
By विनीत कुमार | Published: May 23, 2019 12:21 PM2019-05-23T12:21:21+5:302019-05-23T12:23:18+5:30
साल-1986 में लाल कृष्ण आडवाणी बीजेपी के अध्यक्ष बने और फिर यहां से बीजेपी का सफर आगे बढ़ता गया। इस दौरान बीजेपी के लिए बहुत कुछ बदला।
लोकसभा चुनाव-2019 के नतीजे एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के लिए अच्छी खबर लेकर आये हैं। रुझानों के अनुसार बीजेपी बड़े बहुमत की ओर बढ़ती दिख रही है और संभवत: पिछले बार के 282 सीटों के रिकॉर्ड को भी तोड़ सकती है। अगर नतीजे पूरी तरह से बीजेपी के पक्ष में रहे तो नरेंद्र मोदी का लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनना तय है। साल 1984 के लोकसभा चुनाव में केवल 2 सीट जीतने वाली बीजेपी ने 2014 में भी अकेले दम पर पूर्ण बहुमत हासिल किया था। इस बार भी यही तस्वीर बनती दिखाई दे रही है।
बीजेपी में अब आया असल 'मोदी युग'!
साल 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने ऐतिहासिक 426 सीटें जीती थी जबकि बीजेपी केवल दो सीट अपने नाम कर सकी थी। यह वह दौर भी था जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी और कांग्रेस को जबर्दस्त समर्थन मिला। इस दौर में बीजेपी के एके पटेल और जंगा रेड्डी संसद पहुंचे। पटेल गुजरात के मेहसाना से विजयी रहे जबकि रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के हनमकोंडा से जीत हासिल की।
अडवाणी-अटल के नेतृत्व में बीजेपी बढ़ी सफलता की ओर
साल-1986 में लाल कृष्ण अडवाणी बीजेपी के अध्यक्ष बने और फिर यहां से अब तक का बीजेपी का सफर आगे बढ़ता गया। इस दौरान बीजेपी के लिए बहुत कुछ बदला। 9वें लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 85 सीटें जीती। इसके बाद 1991 का साल आया जब बीजेपी ने आखिरकार सैकड़ा लगाया। बीजेपी ने 10वें लोकसभा चुनाव में 120 सीटें अपने नाम की।
1996 में पहली बीजेपी सरकार
बीजेपी के सफर का ये सबसे रोचक मोड़ रहा। बीजेपी ने 161 सीट पर जीत हासिल की और अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, ये सरकार 13 दिन में गिर गई। इसके बाद 1998 में बीजेपी ने 182 सीटें जीती और एक बार फिर अटल बिहार वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी। ये सरकार भी हालांकि 13 महीनो में गिर गई। इसके बाद 1999 में एक बार फिर वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने और अपना कार्यकाल पूरा किया।
इसके बाद 2004 से लेकर 2014 तक बीजेपी को सत्ता से बाहर रहना पड़ा। हालांकि, पार्टी ने 2014 के चुनाव से ठीक पहले नरेंद्र मोदी को पीएम का चेहरा बनाया और इसका फायदा उसे खूब मिला। पीएम मोदी के नतृत्व में बीजेपी बड़े बहुमत के साथ सरकार बनाने में कामयाब रही।