लोकसभा चुनाव 2019: नागपुर-रतलाम बेहतर रेल सेवा देने वाले को मिलेंगे दक्षिण राजस्थान के वोट!
By प्रदीप द्विवेदी | Published: March 17, 2019 07:43 AM2019-03-17T07:43:10+5:302019-03-17T11:13:41+5:30
दक्षिण राजस्थान का बांसवाड़ा एकमात्र ऐसा जिला है, जहां रेल नहीं है। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के प्रयास से वागड़ की रतलाम-बांसवाड़ा-डूंगरपुर रेल योजना शुरू हुई थी
नागपुर से दक्षिण राजस्थान का बहुत पुराना रिश्ता है। यहां के हजारों परिवार वर्षों से उस क्षेत्र में हैं। प्रसिद्ध ज्योतिषी- दिवंगत कृष्णलाल नाथुराम व्यास, बापूलाल भवानीशंकर व्यास, गेफरलाल व्यास आदि का तो पूरा जीवन ही नागपुर में गुजरा, तो हजारों लोग उस क्षेत्र में कार्यरत हैं जिन्हें समय-समय पर नागपुर से दक्षिण राजस्थान अपने घर आना-जाना पड़ता है।
भारत विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. युधिष्ठिर त्रिवेदी बताते हैं कि करीब आधी सदी गुजर गई, लेकिन दक्षिण राजस्थान से नागपुर क्षेत्र में पहुंचने के लिए रतलाम-नागपुर रेल सेवा वैसी-की-वैसी ही है। नागपुर पहुंचने के लिए सीधी हवाई सेवा तो है नहीं, रेल सेवा भी कष्टदायक है। क्योंकि, बांसवाड़ा में तो रेल सेवा है नहीं, इसलिए लोग रतलाम से रेल द्वारा नागपुर पहुंचते हैं। डॉ। त्रिवेदी ने रतलाम-नागपुर रेल सेवा को बेहतर बनाने के लिए कई बार रेल मंत्रालय को लिखा, कई ज्ञापन भी दिए गए, किन्तु कोई फायदा नहीं हुआ।
दक्षिण राजस्थान के सर्वाधिक लोग मुंबई के बाद नागपुर क्षेत्र में ही हैं। मुंबई की बहुत कम चाय की ऐसी दुकानें मिलेंगी जहां दक्षिण राजस्थान का कोई व्यक्ति काम नहीं करता हो, लेकिन दक्षिण राजस्थान से मुंबई पहुंचना जितना आसान है, उतना ही मुश्किल है, दक्षिण राजस्थान से नागपुर पहुंचना।
दक्षिण राजस्थान का बांसवाड़ा एकमात्र ऐसा जिला है, जहां रेल नहीं है। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के प्रयास से वागड़ की रतलाम-बांसवाड़ा-डूंगरपुर रेल योजना शुरू हुई थी, किन्तु उनके बाद प्रदेश की सत्ता में आई बीजेपी सरकार ने इस रेल योजना को ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया। अब राजस्थान में फिर से अशोक गहलोत सीएम बने हैं, तो लोगों को उम्मीद है कि वागड़ की रेल योजना पुनः पटरी पर आएगी।
दक्षिण राजस्थान के कमजोर रेल नेटवर्क के मद्देनजर वहां के मतदाता उसे ही वोट देंगे जो रतलाम-नागपुर बेहतर रेल सेवा देने के साथ-साथ वागड़ की रेल योजना शुरू कराने का भरोसा देगा।