कैराना: हुकुम सिंह की बेटी मृगांका को इसलिए नहीं मिला बीजेपी का टिकट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 23, 2019 05:51 PM2019-03-23T17:51:53+5:302019-03-23T17:51:53+5:30
Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की चौथी लिस्ट आ गई है। बीजेपी ने कैराना से विधायक प्रदीप चौधरी को उम्मीदवार बनाया है जबकि 2018 में हुए उपचुनाव में दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह पर दांव खेला था।
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जहां उम्मीदवारों की सातवीं सूची जारी कर दी है वहीं, बीजेपी फूंक-फूंककर कदम रख रही है। शनिवार (23 मार्च) को बीजेपी की चौथी लिस्ट सामने आई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हॉट सीट माने जाने वाले कैराना से बीजेपी विधायक प्रदीप चौधरी को उम्मीदवार बनाया गया है। कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी के दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह पर बीजेपी एकबार फिर दांव खेलेगी लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला।
दरअसल, पिछले वर्ष 28 मई को कैराना में लोकसभा के लिए हुए उपचुनाव में बीजेपी ने मृगांका सिंह को उम्मीदवार बनाया था लेकिन वह हार गई थीं। उन्हें राष्ट्रीय लोकदल की तबस्सुम हसन ने हराया था। हालांकि आरएलडी उम्मीदवार तबस्सुम बहुत कम अंतर से जीती थीं। तबस्सुम को 4,81,181 वोट मिले थे जबकि मृगांका के खाते में 4,36,564 वोट आए थे।
उपचुनाव में हुई बीजेपी हार के पीछे एक कारण माना गया था। दरसअलल, कैराना मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है। यहां मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा है तो दूसरे नंबर पर दलित और तीसरे नंबर जाट आते हैं जोकि चुनाव रणनीतिक भूमिका निभाते हैं। इस हिसाब से यहां सपा-बसपा और आरएलडी का वोटबैंक माना जाता है लेकिन 2014 में उत्तर प्रदेश की तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान साल भर पहले हुए मुजफ्फरनगर दंगे के बाद पनपे जनाक्रोश में जाट वोट बैंक अजित सिंह के राष्ट्रीय लोकदल को न जाकर बीजेपी के खाते में चला गया था।
तब वोटरो की सहानुभूति बटोरने में कामयाब रही बीजेपी वेस्ट यूपी की 22 सीटें हासिल करने में सफल रही थी। 2018 के उपचुनाव में मृगांका संभवत: वह सहानुभूति फिर से हासिल करने में सफल नहीं रही थी और शायद उसका खामियाजा उन्हें अब भुगतना पड़ा है।
बता दें कि कैराना से लोकसभा का टिकट पाने वाले प्रदीप चौधरी 2017 में तीसरी बार विधायक बने थे। वर्तमान में वह यूपी के गंगोह से विधायक हैं। प्रदीप भारतीय लोकदल और कांग्रेस की ओर से भी विधायक रह चुके हैं। 2000 में भारतीय लोकदल की ओर से नाकुर विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव जीते थे। 2012 में वह कांग्रेस के टिकट पर गंगोह से जीते थे। 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से वह बीजेपी में शामिल हो गए थे।