लोकसभा चुनावः वीरों की भूमि पर रहा कांग्रेस का वर्चस्व, मोदी लहर में BJP ने रोक दिया था उसका विजयी रथ

By रामदीप मिश्रा | Published: March 15, 2019 03:09 PM2019-03-15T15:09:35+5:302019-03-15T15:12:31+5:30

झुंझुनूं लोकसभा सीट पर पहली बार बीजेपी ने 2014 में मोदी लहर के चलते जीत हासिल की थी और बीजेपी से संतोष अहलावत ने जीत हासिल की थी, जो अभी मौजूदा सांसद हैं।

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लोकसभा चुनावः वीरों की भूमि पर रहा कांग्रेस का वर्चस्व, मोदी लहर में BJP ने रोक दिया था उसका विजयी रथ

Highlightsझुंझुनूं लोकसभा सीट सामान्य है। इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है।यह सीट जाट बहुल मानी जाती है और दूसरे नंबर पर मुस्लिम आबादी आती है।झुंझुनूं लोकसभा सीट पर पहली बार बीजेपी ने 2014 में मोदी लहर के चलते जीत हासिल की थी।

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए देशभर में चुनाव प्रचार जोरों पर है। राजनीतिक दल मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। राजस्थान में भी चुनावी प्रचार जमकर किया जा रहा है। वहीं, आज हम जिस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की बात करने जा रहे हैं वह देशभर में सैनिकों के शौर्य और वीरों की भूमि कही जाती है। यहां कांग्रेस का वर्चस्व रहा है, जिसे साल 2014 में नरेंद्र मोदी लहर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तोड़ दिया।

झुंझुनूं लोकसभा सीट

हम बात झुंझुनूं लोकसभा सीट की कर रहे हैं। यह सीट सामान्य है। इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है। यह जिला हरियाणा राज्य की सीमा से सटा हुआ है। इस संसदीय क्षेत्र में सात विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें झुंझुनूं, खेतड़ी, मंडावा, सूरजगढ़, पिलानी उदयपुरवाटी, नवलगढ़ और सीकर जिले का फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र शामिल है। यह सीट जाट बहुल मानी जाती है और दूसरे नंबर पर मुस्लिम आबादी आती है। यहां की राजनीति अलग किस्म की रही है। यहां सबसे बड़ा मुद्दा नहर बनवाने का है, जिसको लेकर राजनीतिक पार्टियां वोट बटोरती रही हैं। लेकिन आतजक नहर लाने का वादा पूरा नहीं हुआ है।  

झुंझुनूं लोकसभा सीट पर कांग्रेस का दबदबा

झुंझुनूं लोकसभा सीट पर पहली बार बीजेपी ने 2014 में मोदी लहर के चलते जीत हासिल की थी और बीजेपी से संतोष अहलावत ने जीत हासिल की थी, जो अभी मौजूदा सांसद हैं। इस सीट पर बीजेपी सिर्फ एक बार जीत हासिल कर सकी है। वहीं, 12 बार कांग्रेस, दो बार जनता दल और एक बार भारतीय लोक दल ने विजय पाई है। यहां कांग्रेस के कद्दावर नेता शीशराम ओला का वर्चस्व रहा है और वह पांच बार लगातार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। हालांकि उनके जीत के रथ को 2014 में बीजेपी ने रोक दिया। 

झुंझुनूं लोकसभा सीट का इतिहास

झुंझुनूं लोकसभा सीट पर पहली बार 1952 में चुनाव हुए थे और कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। कांग्रेस लगातार पांच बार 1952, 1957, 1962, 1967, 1971 में चुनाव जीती। इसके बाद 1977 भारतीय लोकदल और 1980 का चुनाव जनता पार्टी ने जीता। 1984 का चुनाव कांग्रेस ने जीता, लेकिन उसे 1989 में जनता पार्टी ने हरा दिया। हालांकि, कांग्रेस ने दोबारा वापसी की और 1991, 1996, 1998, 1999, 2004, 2009 का चुनाव जीता। इस दौरान बीजेपी को जीत के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। साल 2014 में उसे जीत हासिल हो सकी। कांग्रेस के नेता शीशराम ओला 1996 से लेकर 2014 तक लगातार सांसद रहे। 

लोकसभा चुनाव के आंकड़े 

चुनाव आयोग के अनुसार, 2014 के लोकसभा चुनाव में झुंझुनूं लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 16 लाख, 69 हजार, 243 थी। इनमें से 10 लाख, 1 हजार, 549 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था और 60 फीसदी मतदान हुआ था। बीजेपी ने संतोष अहलावत को मैदान में उतारा था। उनके खाते में 4 लाख, 88 हजार, 182 वोट गए थे। वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवार शीशराम ओला को 2 लाख, 54 हजार, 347 वोट मिले थे। कुल मिलाकर बीजेपी ने कांग्रेस को 2 लाख, 33 हजार, 835 वोटों के भारी अंतर से हराया था। 

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